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सलाद फायदेमंद होने के बावजूद घातक भी हो सकती है इस बारे में वी ऐस इंडिया न्यूज के माध्यम से आइये जानते हैं

डा . महेन्द्र राणा जी क्या कहते हैं
स.सम्पादक शिवाकान्त पाठक
🍃ख़तरनाक भी हो सकता सलाद !
✍️डॉ. महेन्द्र राणा हरिद्वार जगजीतपुर

आधुनिक परिवेश में उच्चवर्ग में ही नहीं, मध्यवर्ग के परिवारों में भी प्रतिदिन सलाद खाने की परंपरा बन गई है. कई स्त्रीपुरुषों को सलाद के बिना खाना हजम नहीं होता. हालांकि बच्चे सलाद खाने से आनाकानी करते हैं पर सलाद को चटपटे ढंग से बच्चों के सामने परोसने से वे उसे खुशीखुशी खा लेते हैं. डाक्टर भी सभी छोटेबड़ों को सलाद खाने का परामर्श देते हैं.
मोटे स्त्रीपुरुषों के लिए सलाद बहुत लाभदायक बताया जाता है. सलाद खाने से न सिर्फ अनाज व घी, तेल से बने खाद्य पदार्थ कम मात्रा में खाए जाते हैं बल्कि घी, तेल के खाद्य पदार्थों से बच भी सकते हैं.

सलाद खाने से विटामिन और खनिज तत्त्व प्राकृतिक रूप में शरीर को मिलते हैं. विटामिन व खनिज तत्त्व सब्जियों में भी प्राकृतिक रूप में मौजूद रहते हैं लेकिन सब्जियों को आग पर पकाने के चलते उन के विटामिन व खनिज तत्त्व नष्ट हो जाते हैं.
चुकंदर में 100 ग्राम में 0.8 ग्राम प्रतिशत खनिज तत्त्व होते हैं. इसे पकाने पर खनिज तत्त्व नष्ट हो जाते हैं.
100 ग्राम प्याज में 0.6 ग्राम प्रतिशत खनिज तत्त्व होते हैं. सलाद में प्याज खाने से पूरे खनिज तत्त्व शरीर को मिलते हैं, लेकिन पकाने से नष्ट हो जाते हैं.
सब्जियों को पकाने से कैल्शियम, फास्फोरस, फाइबर, विटामिन बी और सी सब नष्ट हो जाते हैं.
अधिकांश घरों में मूली, टमाटर, ककड़ी, खीरा, प्याज और चुकंदर के साथ नीबू का रस डाल कर सलाद बनाया जाता है. सभी सब्जियां विटामिन और खनिज तत्त्वों से भरपूर होती हैं.
सलाद के रूप में 100 ग्राम टमाटर खाने से 20 कैलोरी ऊर्जा मिलती है. टमाटर खाने से कैल्शियम भी पर्याप्त मात्रा में मिलता है. गर्भावस्था में टमाटर का सलाद खाने से स्त्रियों में आयरन की कमी पूरी होती है. टमाटर में पोटैशियम और मैग्नीशियम भी मिलते हैं.

स्वच्छता जरूरी :
टमाटर की तरह मूली, गाजर, खीरा, प्याज और चुकंदर आदि सभी विटामिन और खनिज तत्त्वों से भरपूर होते हैं. सलाद में इन सब्जियों का सेवन करने से शरीर को भरपूर लाभ मिलना चाहिए, लेकिन लापरवाही से सलाद बना कर खाने से स्वास्थ्य को लाभ की अपेक्षा नुकसान होता है.
सलाद खाने से नुकसान की कल्पना कोई शिक्षित स्त्रीपुरुष स्वप्न में भी नहीं कर सकता. लेकिन यह बात अब प्रमाणित हो चुकी है कि~
स्वच्छता का पूरा ध्यान नहीं रखने से सलाद लाभदायक बनने के बजाय हानिकारक बन जाता है. सभी जानते हैं कि सब्जियां खेतों में उगाई जाती हैं. सब्जियों को उगाने के लिए तरहतरह की रासायनिक खादों का इस्तेमाल किया जाता है.
यही नहीं, सब्जियों को खेतों के कीड़ेमकोड़ों से बचाने के लिए कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है. कुछ लोग गंदे नालों के किनारे सब्जियां उगा कर, उन सब्जियों के पौधों को गंदे जल से सींचते हैं. ऐसी स्थिति में सब्जियां दूषित हो जाती हैं.

ऐसी सब्जियों का सलाद खाने से हानि होती है. सब्जियों को कीड़ेमकोड़ों से सुरक्षित रखने के लिए खेतों में कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है.
जब सलाद बनाने से पहले उन सब्जियों को स्वच्छ जल से साफ नहीं किया जाता है तो कितने कीटनाशक रसायन सलाद के साथ शरीर में पहुंच कर विषैला प्रभाव डालते हैं.
आजकल सब्जियों को जल्दी पकाने के लिए और उन का वजन बढ़ाने के लिए विभिन्न रसायनों के इंजैक्शन लगाते हैं. टमाटर, गाजर, चुकंदर आदि पर विषैले रंग लगा कर उन्हें रंगीन बनाते हैं. स्वच्छ जल से नहीं धोने पर सब्जियों पर लगे रंग शरीर में पहुंच कर विषैला प्रभाव डालते हैं.

अभी हाल में दिल्ली के एक वैज्ञानिक की कद्दू का रस पीने से मृत्यु हो गई थी. सब्जियां भी विषैले इंजैक्शनों से विषैली बनाई जा रही हैं.
जब ऐसी सब्जियों को सलाद के रूप में सेवन किया जाएगा तो आप परिणाम की कल्पना कर सकते हैं. सब्जियों को जल से अच्छी तरह धोए बिना सलाद बनाने से अनेक रोगों के जीवाणु उन के साथ शरीर में पहुंच जाते हैं.
छोटे बच्चे को टमाटर, खीरे का सलाद खिलाने पर उन के साथ मिल कर आंत्रकृमि (हुक वर्म) भी उन के शरीर में पहुंच कर वर्षों तक रक्त चूस कर उन्हें रक्ताल्पता (एनीमिया) का शिकार बनाते रहते हैं.

सलाद बना सकता है बीमार :
वैज्ञानिकों ने परीक्षणों से ज्ञात किया है कि आंत्रकृमि बच्चों के स्वास्थ्य को भारी हानि पहुंचाने के साथ उन में बौनेपन की विकृति को उत्पन्न करते हैं.
आंत्रकृमि स्मरणशक्ति को भी हानि पहुंचाते हैं. आंत्रकृमि हृदय तक पहुंच कर हृदय रोग को भी जन्म देते हैं. चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, सलाद बनाने से पहले सब्जियों को अच्छी तरह नहीं साफ किया जाए तो न्यूरोसिस्टोकौंसिस नामक मस्तिष्क संबंधी रोग होने की आशंका बढ़ जाती है.
न्यूरोसिस्टोकौंसिस रोग के कारण रोगी को मिर्गी जैसे दौरे पड़ने लगते हैं, मिर्गी के रोगियों पर परीक्षण करने से पता चला 36 प्रतिशत रोगी सब्जियों को साफ कर के नहीं खाने के कारण न्यूरोसिस्टो कौंसिस रोग यानी मिर्गी का शिकार बने थे.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि टमाटर, खीरा, चुकंदर आदि सब्जियां ऊपर से देखने पर कितनी ही खूबसूरत दिखाई दें, शिजेला, ई.कोलई, बोटऊलाइनम, सेलेमोनेला व फ्लोस्ट्रीडियम आदि जीवाणु उन में लगे रहते हैं जो सलाद के साथ शरीर में पहुंच कर तरहतरह के रोगों को उत्पन्न करते हैं.
ये छोटे बच्चों व प्रौढ़ व्यक्तियों के शरीर में पहुंच कर बहुत हानि पहुंचाते हैं. नतीजतन, उन में रोगप्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है.