Breaking News
(डंकी फ्लाइट्स )
(डंकी फ्लाइट्स )

पंजाब-हरियाणा में बढ़ा डंकी फ्लाइट्स का खतरा(डंकी फ्लाइट्स )

नई दिल्ली: पंजाब और हरियाणा में अवैध माइग्रेशन की वजह से डंकी फ्लाइट्स  (डंकी फ्लाइट्स ) का खतरा बढ़ता जा रहा है. दोनों राज्यों के लोगों का अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों में अवैध माइग्रेशन सुर्खियों में है, दरअसल हाल ही में मानव तस्करी के शक में एक फ्लाइट को फ्रांस में रोक लिया गया था. पिछले हफ़्ते यह मामला सुर्खियों में छाया रहा. बता दें कि यह फ्लाइट निकारागुआ जा रही थी. डंकी फ्लाइट अवैध रूप से किसी देश में घुसने के लिए काफी फेमस शब्द है. पंजाबी में डंकी का मतलब है एक जगह से दूसरी जगह पर जाना.

पंजाब में बड़ी ंसंख्या में अवैध माइग्रेशन की कोशिश
संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने ड्रग्स और अपराध पर 2009 में एक रिपोर्ट में कहा था कि हर साल पंजाब से 20,000 से ज्यादा युवा पुरुष और महिलाएं अवैध माइग्रेशन की कोशिश करते हैं, यह फ्रांस में रोकी गई उड़ान से साफ पता चलता है. सिर्फ आंकड़ा बढ़ा है, हालांकि गोपनीयता की वजह से इसका कोई डाटा मौजूद नहीं है. बता दें कि साल 2012 के बाद से, पंजाब पुलिस ने 10 लाख से ज्यादा पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (पीसीसी) जारी किए हैं. इसका मतलब ऐसे लोगों से है, जिनका विदेश जाने का कोई मतलब नहीं है, लेकिन वह जाना चाहते हैं.

‘विदेश जाने की चुकाई बड़ी कीमत’

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने शनिवार को कहा कि एक विशेष जांच टीम करीब 645 ऐसे मामलों को देख रही है, जिसकी वजह से 518 गिरफ्तारियां हुईं. हालांकि यह प्रक्रिया बिल्कुल भी आसान नहीं है. इसमें बहुत ज्यादा खर्च के साथ ही जेल जाने का जोखिम भी है. हरियाणा के कुरुक्षेत्र के रहने वाले राहुल ने कुछ महीने पहले माइग्रेशन की अपनी कोशिश के बारे में कहा, “मेरे एजेंट ने मुझे 12 लाख में इटली भेजने का वादा किया था.” राहुल ने बताया कि अप्रैल को उनको पहले दुबई और फिर मिस्र भेजा और लीबिया भेजे जाने की बात कही, जहां से उनकी सीधी फ्लाइट होने की बात कही गई. हालांकि वह लीबिया पहुंचने में कामयाब रहे, लेकिन इसके बाद उनको बड़ी कीमत चुकाते हुए जेल जाना पड़ा.

राहुल ने बताया कि एक दिन उनको जेल में ही हार्ट अटैक आ गया. उनको मरा हुआ समझकर बाहर रेत पर फेंक दिया गया. उनका ऐसा हाल देखकर जेल में मौजूद लोगों ने इस बात का विरोध किया, जिसके बाद उनको अस्पताल ले जाया गया. जब उनको होश आया तो दूतावास के लोग उनको अपने साथ ले गए. फिर व्हाइट पासपोर्ट के जरिए उनको भारत वापस भेजा गया. राहुल का कहना है कि हर कोई उनकी तरह किस्मत वाला नहीं होता कि वह वापस आ सके.

‘मेरे बेटे को विदेश भेजा, अब तक कुछ पता नहीं’
वहीं हरियाणा के कैथल के रहने वाले शिव कुमार ने अपनी पुश्तैनी जमीन गिरवी रखकर अपने बेटे को पुर्तगाल भेजा था. पिछले सात महीने से वह अपने बेटे को वापस पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. हालांकि पुलिस ने उसके बेटे को विदेश भेजने वाले एजेंट के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन अब तक उसका कुछ भी पचा नहीं चल सका है. शिवकुमार ने कहा, “आज तक, हमें नहीं पता कि हमारा बेटा कहां है. हमने उससे आखिरी बार 8 जून को बात की थी. दो एजेंटों को जमानत मिल गई और वे भाग गए. मैंने कई जगहों पर अपील की, हेल्प ऐप के जरिए सरकार के स्तर पर शिकायत दर्ज कराई लेकिन कोई मदद नहीं मिली. उन्होंने आगे बताया कि उनका पता चला था कि लीबिया से इटली जा रही एक नाव डूब गई.

कैथल जिले के मलकीत जैसे कई अन्य लोगों के लिए यह यात्रा घातक साबित हुई. उनके परिवार को बेटे की मौत की जानकारी एक वायरल वीडियो के जरिए मिली. बता दें कि मामले में अधिक जानकारी के लिए एनडीटीवी ने कई ट्रैवल एजेंटों से संपर्क किया, जिसके बाद न बताने की शर्त पर सिर्फ एक शख्स ही कुछ बोलने पर सहमत हुआ. उसने कहा, “दो तरह के अवैध रास्ते हैं, जिनके जरिए हम लोगों को विदेश भेजते हैं. जंगल वाला रास्ता कम खर्चीला है, यह करीब करीब 30-40 लाख… इन दिनों तुर्की आने-जाने मेन बिंदु है. तुर्की से वीजा मिलता है. पेमेंट हर चरण में किस्तों में की जाती है. तुर्की में10 लाख, कोस्टा रिका में अन्य 10 लाख का भुगतान करना होता है. अंतिम भुगतान मेक्सिको सीमा पर दो किश्तों में किया जाता है.

दो तरीके से विदेश भेजा जाता है-एजेंट
वहीं दूसरा तरीका फ्लाइट के जरिए विदेश जाने का है. इसमें करीब 40 से 50 लाख रुपये का खर्च आता है. इसमें लोगों को किसी यूरोपीय देश से होकर हवाई मार्ग से भेजा जाता है. फिर भी, दर्जनों भारतीय अपनी यात्रा का दस्तावेजीकरण करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं, टिप्स, मार्ग सुझाव और जोखिम का पता कर रहे हैं.

बता दें कि बेंगलुरु से फ्लाइट के लौटने के बाद पंजाब और हरियाणा दोनों ने फर्जी एजेंटों पर नकेल कस दी है. पंजाब ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है. हरियाणा ने कहा कि उसके पास पहले से ही एक जांच दल है, जो धोखेबाज एजेंटों की जांच कर रहा है. मंत्री अनिल विज ने कहा, राज्य सरकार आव्रजन एजेंटों और एजेंसियों को विनियमित करने के लिए राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक लाएगी.