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चौथे चरण में 20 प्रतिशत से अधिक उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले

दिल्ली :एडीआर और ‘द नेशनल इलेक्शन वाच’ ने कुल 1717 उम्मीदवारों में से 1710 के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है. लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत 13 मई को मतदान होगा. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक कुल 360 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी दी है. उम्मीदवारों की वित्तीय पृष्ठभूमि के मद्देनजर चौथे चरण के लिए तेलुगू देशम पार्टी के डॉ. चंद्र शेखर पेम्मासानी सबसे अमीर उम्मीदवार हैं, जिनकी कुल संपत्ति 5,700 करोड़ रुपये से अधिक है.

एडीआर के आंकड़ों के मुताबिक 360 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 17 उम्मीदवारों को विभिन्न मामलों में दोषी ठहराया गया है, 11 उम्मीदवारों पर हत्या से संबंधित मामले दर्ज हैं, 30 पर हत्या के प्रयास का आरोप है और 50 उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित आपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि पांच उम्मीदवारों पर दुष्कर्म के आरोप हैं.

एडीआर के विश्लेषण से प्रमुख राजनीतिक दलों में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के बारे में जानकारी मिलती है.

प्रमुख राजनीतिक दलों में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के तीन में से तीन उम्मीदवार, शिवसेना के तीन में से दो उम्मीदवार, भारत राष्ट्र समिति के 17 में से 10 उम्मीदवार, कांग्रेस के 61 में से 35 उम्मीदवार और भारतीय जनता पार्टी के 70 में से 40 उम्मीदवारों ने शपथपत्र में अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी दी है.

इसके अलावा तेलुगू देशम पार्टी के 17 में से नौ उम्मीदवार, बीजू जनता दल के चार में से दो उम्मीदवार, राष्ट्रीय जनता दल के चार में से दो उम्मीदवार, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के चार में से दो उम्मीदवार, वाईएसआरसीपी के 25 में से 12 उम्मीदवार, तृणमूल कांग्रेस के आठ में से तीन उम्मीदवार और समाजवादी पार्टी के 19 में से सात उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी दी है.

एडीआर की रिपोर्ट आपराधिक मामलों के अलावा उम्मीदवारों की वित्तीय पृष्ठभूमि के बीच महत्वपूर्ण विविधता पर भी प्रकाश डालती है. लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान के लिए 1710 में से कुल 476 उम्मीदवार करोड़पति हैं, जिनकी संपत्ति एक करोड़ रुपये से अधिक है. करोड़पति उम्मीदवारों में से डॉ. पेम्मासानी सबसे अमीर हैं. जबकि 24 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने घोषित किया है कि उनके पास कोई संपत्ति नहीं है.

एडीआर ने इन विश्लेषणों के आधार पर राजनीति के अपराधीकरण पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से कई सुधारों का प्रस्ताव रखा है. इनमें गंभीर अपराधों के लिए दोषी ठहराए गए उम्मीदवारों की स्थायी अयोग्यता, राजनीतिक दलों को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत लाना और चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने वाले उम्मीदवारों के लिए सख्त दंड लागू करना शामिल है.