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जोधपुर (Jodhpur)सेंट्रल जेल में साजिश:हाथ और पसलियों में फ्रैक्‍चर, जेलर पर गंभीर आरोप

जोधपुर. देश की सबसे सुरक्षित जेल में शामिल जोधपुर (Jodhpur) सेंट्रल जेल एक बार फिर से सुर्खियों में है. जेल के एक वार्ड में धर्म परिवर्तन का दबाव बनाकर एक कैदी के साथ मारपीट करने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि आतंकी गतिविधियों के मामले में विचाराधीन कैदी ने एक अन्य कैदी पर धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया. विरोध करने पर 6 बंदियों ने उसके साथ मारपीट कर डाली. इस घटना के बाद पीड़ित कैदी को इलाज के लिए जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल लाया गया. घायल कैदी की एक्स-रे सहित अन्य जांच की गई. पीड़ित कैदी के हाथ, मुंह और पसलियों में चोटें आई हैं. फिलहाल जेल प्रशासन ने इस घटना की पुष्टि नहीं की है.

जानकारी के अनुसार, रविवार को जेल के वार्ड नंबर 15 में बंद जालौर के कैदी सुभाष बिश्नोई को सुबह 11:00 बजे बाहर निकाला गया. उस दौरान आतंकी गतिविधियों के आरोप में बंद एटीएस के द्वारा गिरफ्तार कैदियों ने उसपर हमला कर दिया. घायल कैदी सुभाष का पहले जेल की डिस्पेंसरी में इलाज किया गया. इसके बाद जेल प्रशासन ने उसे देर शाम महात्मा गांधी अस्पताल भेजा. यहां उसकी एक्सरे सहित अन्य जांच की गई. बताया जा रहा है कि उसके हाथ और पसलियों में फ्रैक्चर है. पीड़ित कैदी ने बताया कि आतंकी मामलों में बंद 6 कैदियों ने उसके साथ मारपीट की. उस पर इस्लाम धर्म ग्रहण करने के लिए डेढ़ माह से लगातार मानसिक दबाव बनाया जा रहा था

घायल कैदी का सनसनीखेज आरोप
हमले में घायल कैदी सुभाष ने बताया, ‘मैं 3 दिन से जेल प्रशासन से मौखिक शिकायत कर रहा था. इसकी लिखित शिकायत देने के लिए मैं 3 दिन से कागज और कलम की मांग कर रहा था, लेकिन मुझे नहीं दिया गया. बार-बार कहने पर भी मेरा बैरक नहीं बदला गया. जेल प्रशासन ने आश्वासन देते हुए कहा कि मेरी सुरक्षा उनकी जिम्मेदारी है. मैं जेलर के आश्वासन पर निश्चिंत हो गया.’ पीड़ित ने आगे बताया कि जेल सुबह 7 बजे खुलती है और 11 बजे बंद हो जाती है. वह शनिवार रात से रविवार सुबह 11 बजे तक जेल बैरक में बंद था. सुबह 11 बजे आरोपी कैदियों को बंद किया जा रहा था. इसके बाद उन्‍हें खोला गया.

‘जेल में पढ़ाई जा रही हैं हिंदू विरोधी किताबें’
कैदी सुभाष ने बताया कि जब वह उनलोगों के पास से निकल रहा था तो वकार, अशरफ सहित अन्य कैदियों ने उसपर अचानक हमला कर दिया. इसमें उसके कंधे और नाक पर चोटें आई हैं. जिन कैदियों ने सुभाष पर हमला किया, बताया जा रहा है कि उन्हें एटीएस ने आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्‍त होने के आरोप में लगभग 8-10 साल पहले गिरफ्तार किया था. पीड़ित कैदी ने बताया कि जेल के 15 नम्बर वार्ड में हिंदू धर्म विरोधी और इस्लाम सम्बंधित किताबें पढाई जा रही थीं. जेलर को 3 दिन से शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. सुभाष का आरोप है कि ये लोग कैदियों को हिंदू धर्म विरोधी किताबें पढ़ा रहे हैं. जेल में हिंदू विरोधी माहौल बनाया जा रहा है.