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(Clouds torn)
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दून के गांव में फटा बादल, (Clouds torn)टपकेश्वर में बाढ़ का खतरा

देहरादून. उत्तराखंड में मौसम विभाग की भविष्यवाणी के मुताबिक शुक्रवार शाम से मौसम बदला और रात तक कई ज़िलों में भारी बारिश से अच्छी खासी आफत खड़ी हो गई. ऋषिकेश-दून हाईवे पर सड़क बह गई तो वहीं ही रायपुर क्षेत्र में एक ग्रामीण हिस्से में बादल फटने (Clouds torn) से लोगों को सुरक्षित निकालने की कवायद 19 व 20 अगस्त की दरमियानी रात करीब 2 बजे से शुरू करनी पड़ी. सिर्फ दून ही नहीं, बल्कि चमोली, उत्तरकाशी, बागेश्वर, चंपावत और अन्य ज़िलों में भी बारिश के चलते खासी मुसीबत खड़ी हो रही है. कई नदियां उफान पर हैं, तो कई जगह हाईवे बाधित चल रहे हैं.

रायपुर क्षेत्र में बारिश से मालदेवता हिस्से में भारी नुकसान हुआ. कई घरों में पानी घुसा तो आम जनता को दिक्कतें होने पर ैक्त्थ् और प्रशासन की टीमों ने ग्रामीणों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा. इधर, ऋषिकेश-देहरादून हाईवे पर टेम्परेरी व्यवस्था ध्वस्त हो गई. जाखन नदी पर बनी टेम्परेरी सड़क बहने से रानीपोखरी पुलिस ने देर रात तेज बारिश में रूट डाइवर्ट किया. निर्माणाधीन पुल को को छोटे और दो पहिया वाहनों के लिए खुलवाना पड़ा. बड़े वाहनों को रायवाला-डोईवाला से डायवर्ट करना पड़ा. यहां नदी में तेज बहाव से पिछले साल अगस्त में टूटा पुल एक साल से तैयार न होने के चलते टेम्परेरी व्यवस्था के भरोसे काम चल रहा था, जो इस बारिश में धराशायी हो गया.

नदी-नालों ने लिया विकराल रूप
देहरादून में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण टपकेश्वर महादेव मंदिर के पास बहने वाली तमसा नदी ने आज शनिवार को विकराल रूप धारण कर लिया है. माता वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर टपकेश्वर महादेव का संपर्क टूट गया है और पुन भी क्षतिग्रस्त है. तेज बारिश से सोंग नदी का जलस्तर भी बढ़ रहा है. वहीं, नैनीताल ज़िले में रामनगर व उसके आसपास के नदी नाले देखते ही देखते विकराल रूप लेने नगे हैं.

क्यारी में खिचड़ी नदी में अचानक उफान की स्थिति बन गई हालांकि यहां बारिश नहीं थी. लेकिन आसपास हुई बारिश से नदी का जलस्तर बढ़ गया. इस दौरान जो भी नदी की राह में आया बह गया, हालांकि उस समय कोई इस नदी में नहीं था इसलिए जानमाल का बड़ा हादसा नहीं हुआ.

रास्तों, हाईवे पर संकट और पहाड़ हुए खतरनाक
दून में कई सड़कें व पुल ध्वस्त होने के साथ ही पहाड़ों में भी बुरे हाल हैं. चम्पावत में बारिश के चलते टनकपुर से चम्पावत हाईवे स्वाला-अमोड़ी के बीच पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों के कारण शुक्रवार दोपहर 2 बजे से ठप हुआ. हाईवे बंद होने से सड़क के दोनों तरफ यात्री फंस गए. इसी तरह उत्तरकाशी में गंगोत्री यमुनोत्री हाईवे को भी कल शाम पहाड़ी से पत्थर गिरने के बीच ही खोला गया लेकिन कुछ देर बाद ही इस हाईवे को फिर बंद करना पड़ा. यमुनोत्री हाईवे 48 घंटे से ज़्यादा समय से ठप चल रहा है.

इधर, बागेश्वर ज़िले में भारी बारिश से कई इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं. कपकोट जाने वाली मुख्य सड़क पर हुए भूस्खलन से कपकोट से सम्पर्क कट गया है. रास्ते खोलने की कोशिशें की जा रही हैं. चमोली ज़िले में भी शुक्रवार रात से मूसलाधार बारिश जारी है और कुछ रास्ते प्रभावित होने की खबरें हैं.

तराई में कुछ राहत, कुछ आफत
मौसम विभाग के यलो अलर्ट की भविष्यवाणी तराई के सितारगंज, शक्तिफार्म, किच्छा सहित अनेक क्षेत्रों में सटीक साबित हुई. यहां मौसम बदलने के साथ ही मूसलाधार बारिश से लोगों को गर्मी से राहत मिली. इसके साथ ही किसानों को भीषण गर्मी से धान की फसल में हो रही पानी की कमी की चिंता दूर हो गई. हालांकि झमाझम बारिश से कई जगहों पर जलभराव हुआ तो लोगों को परेशानियां भी झेलनी पड़ीं. कुल मिलाकर बारिश गर्मी से निजात दिलाने के साथ ही खेती के लिए फायदेमंद लग रही है.