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चीन (China )ले सकता है ताइवान पर मिलिट्री एक्शन

बीजिंग. पहले से ही तंग चल रहे चीन और अमेरिका के रिश्तों के बीच नैंसी पेलोसी की ताइवान जाने की अफवाहों ने चीन को आग बबूला कर दिया है.अमेरिका के निचले सदन हाउस ऑफ़ रेप्रेज़ेंटेटिव की स्पीकर नैंसी लंबे समय से चीन की आलोचक रही हैं. बीते कुछ दिनों से उनके ताइवान जाने की खबरों ने चीन को गुस्से में ला दिया है. चीन ने नैंसी के ताइवान जाने पर अमेरिका को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है.

राष्ट्रपति पद के बाद हाउस ऑफ़ रेप्रेज़ेंटेटिव के स्पीकर को ही अमेरिकी राजनीती में सबसे प्रतिष्ठित पद माना जाता है. ऐसे में 1997 के बाद नैंसी ताइवान जाने वाली पहली उच्च अमेरिकी राजनेता बनेगी.

चीन का मानना है कि ताइवान उसी का हिस्सा है जिसे एक न एक दिन चीन (China ) में जुड़ना है. ताइवान को चीन के साथ जोड़ने के लिए कई बार चीन ने सैन्य बल के प्रयोग के भी संकेत दिए है.
वहीं अमेरिका ताइवान में डेमोक्रेसी बनाये रखने के लिए ताइवान का समर्थक रहा है. ताइवान को सुरक्षा के लिए अमेरिका अपने घातक हथियार भी कई मौके पर ताइवान को बेच चुका है.

ताइवान जाने के पक्ष में नहीं है अमेरिकी सेना
स्पीकर पेलोसी ने 2019 में चीनी असंतुष्टों के साथ एक रैली में तियानमेन स्क्वायर के ‘टैंक मैन’ की एक प्रतिमा का अनावरण किया था.स्पीकर पेलोसी ने 2019 में चीनी असंतुष्टों के साथ एक रैली में तियानमेन स्क्वायर के ‘टैंक मैन’ की एक प्रतिमा का अनावरण किया था
नैंसी के ताइवान दौरे पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मीडिया को बताया है कि अमेरिकी सेना को नैंसी के ताइवान दौरे का विचार ठीक नहीं लग रहा है. हालांकि वाइट हाउस ने चीन की प्रतिक्रिया को गैर जरुरी बताया है.

नैंसी पेलोसी क्यों जाना चाहती है ताइवान
पेलोसी लंबे समय से चीन की आलोचक रही हैं. अपने 35 वर्षों के राजनीतिक करियर में उन्होंने जमकर चीन की आलोचना की है. वह लगातार चीन के लोकतंत्र समर्थक असंतुष्टों से मुलाकात करती आई हैं.

पेलोसी तियानमेन स्क्वायर का भी दौरा कर चुकी है. तियानमेन स्क्वायर चीन में लोकतंत्र के समर्थकों के खिलाफ हुए सबसे बड़े दमन का एक बिंदु माना जाता है.

पेलोसी अप्रैल में ही ताइवान जाने वाली थी लेकिन कोरोना संक्रमण होने की वजह से उन्होंने उस समय अपने दौरे को टाल दिया था.

नैंसी के ताइवान जाने की खबरों से तमतमाया चीन मिलिट्री एक्शन भी ले सकता है. चीनी रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस दौरे पर सैन्य प्रतिक्रिया भी हो सकती है.