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(just friends)
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क्या लड़का और लड़की हो सकते ‘सिर्फ दोस्त'(just friends)?

बदलते दौर में हमने ऐसी कई मिसालें देखी हैं कि मेल और फीमेल न सिर्फ अच्छे दोस्त (just friends) रहे हैं, बल्कि कई लोगों ने ये खूबसूरत रिश्ते को जिंदगीभर निभाया है. किसी भी दोस्ती की शुरुआत तब होती है जब हालात या फिर इंट्रेस्ट एक जैसे हों. इस दोस्ती में भी अपने फ्रेंड को वैसे ही ट्रीट किया जाता है जैसा कि आप सेम जेंडर के फ्रेंड्स को करते हैं. हालांकि पुरुष दोस्त अपनी फीमेल फ्रेंड्स से ज्यादा रिस्पेक्टफुली बात करते हैं, क्योंकि महिलाएं असल में मर्दों के मुकाबले ज्यादा सेंसिटिव होती है.’एक लड़का और लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते.’ भले ही उस दौर में ये बात सच के करीब लग रही थी, लेकिन 33 साल बाद लोगों की सोच

ऐसी दोस्ती क्यों बन जाती है पक्की?
किसी भी दोस्ती में सबसे जरूरी है भरोसा, इसके साथ ही ये रिश्ता तब तक चलेगा जब तक कि दोनों के बीच में किसी तरह का स्वार्थ न पैदा हुआ हो. लड़कियों को ये भरोसा होना चाहिए कि वो अपने पुरुष मित्र के साथ सेफ हैं, वहीं मेल फ्रेंड को भी इस बात का यकीन रहे कि वो दोस्ती के नाम पर इस्तेमाल तो नहीं किए जा रहे. यही विश्वास फ्रेंडशिप को पक्का करता है. आयरलैंड के मशहूर कवि ऑस्कर वाइल्ड ने कहा था, ‘दोस्ती प्यार के मुकाबले ज्यादा ट्रैजिक होती है, ये लंबे वक्त तक टिकटी है’ यही बात लड़के और लड़कियों की दोस्ती पर भी लागू होती है.

दोस्ती के प्यार में बदलने का कितना है चांस?
जर्नल ऑफ सोशल एंड पर्सनल रिलेशनशिप्स में छपी एक स्टडी के मुताबिक लड़के और लड़की की दोस्ती में रोमांस के चांस भी मौजूद रहते हैं. रिसर्चर्स के अनुसार ‘हमें लगता है कि हम सिर्फ दोस्त बनकर रह सकते हैं, लेकिन सच तो ये है कि किसी न किसी मोड़ पर इसमें रोमांस की भी एंट्री हो सकती है.’ हालांकि ज्यादातर मामले में ये प्यार एकतरफा होता है. दोस्ती पूरी तरह कामयाब प्यार में तभी बदलेगी जब दूसरा शख्स भी वही फीलिंग रखता हो.