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स्तनपान कराने वाली महिलाएं ना करें इन 10 चीजों का सेवन, बच्चे को पहुंचता हैं नुकसान

किसी भी नवजात बच्चे के लिए शुरुआत के 6 महीने में उसकी मां का दूध ही सबसे पौष्टिक आहार माना जाता हैं जिससे उसका सर्वांगीण विकास होता हैं। ऐसे में मां बनने के बाद महिला पर बच्चे का पेट भरने और उसके स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जिम्मेदारी आ जाती है। महिलाएं जो खाती हैं उसका शरीर में बनने वाले दूध की मात्रा और गुणवत्ता पर असर पड़ता हैं जो सीधे तौर पर बच्चों को प्रभावित करता हैं। ऐसे में स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अपने आहार पर ध्यान देने की जरूरत होती हैं और उन चीजों को अवॉयड करना होता हैं जो बच्चों को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं।

आइए जानते हैं उन चीजों के बारे में जिनका सेवन स्तनपान कराने वाली मां को नहीं करना चाहिए-

सी-फूडअगर आप सी-फूड खाती हैं तो आपको कुछ दिनों के लिए फिश आदि खाने से बचना चाहिए। एक धातु के रूप में, पारा बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है। पारा के उच्च स्तर के लगातार संपर्क में आने से आपके बच्चों के नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है। इससे उनका विकास प्रभावित हो सकता है। खासतौर से, आप ऐसी मछली खाने से बचें जिसमें मर्करी अधिक है जैसे- टूना, शार्क, और स्वार्ड फिश आदि। शेलफिश से जब तक संभव हो, बचने का प्रयास करें।सी-फूडअगर आप सी-फूड खाती हैं तो आपको कुछ दिनों के लिए फिश आदि खाने से बचना चाहिए। एक धातु के रूप में, पारा बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है। पारा के उच्च स्तर के लगातार संपर्क में आने से आपके बच्चों के नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है। इससे उनका विकास प्रभावित हो सकता है।

खासतौर से, आप ऐसी मछली खाने से बचें जिसमें मर्करी अधिक है जैसे- टूना, शार्क, और स्वार्ड फिश आदि। शेलफिश से जब तक संभव हो, बचने का प्रयास करें।खट्टे फलखट्टे फल विटामिन सी का एक स्रोत हैं, लेकिन उनके अम्लीय घटक शिशु का पेट खराब कर सकते हैं। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को विटामिन सी की पूर्ति के नींबू, अंगूर या संतरे की जगह एक अन्य विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों जैसे पपीता, अनानास, स्ट्रॉबेरी या पत्तेदार साग और आम का सेवन करना फायदेमंद होता है।गेहूंगेहूं में ग्लूटन नामक प्रोटीन होता है जो कई बार नवजात शिशुओं को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए विशेषज्ञ स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गेंहू का सेवन नहीं करने की सलाह देते हैं।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक स्तनपान करने वाले शिशु के स्टूल में खून दिखता है तो ऐसा ग्लूटन इनटॉलरेंस के कारण हो सकता है। साथ ही, उन्हें पेट में दर्द और चिड़चिड़ापन भी हो सकता है।अजमोद और पुदीनाअजमोद और पुदीना दो जड़ी बूटियां हैं, जो ज्यादा मात्रा में लिए जाने पर स्तन के दूध को कम कर सकते हैं। जब भी आप इन जड़ी-बूटियों को खाते हैं, तो अपने दूध की आपूर्ति की निगरानी करें, खासकर जब आपका बच्चा विकास की गति में है – वह चरण जब उसे सामान्य से अधिक दूध की आवश्यकता होती है। वास्तव में, माताएं अक्सर पुदीने की चाय पीती हैं, जोकि दूध उत्पादन को रोकती है।कॉफी और चॉकलेटकॉफी और चॉकलेट में कैफीन होता है, और इसलिए एक ब्रेस्टफीडिंग मदर को इसे ना ही लेने की सलाह दी जाती है।

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दरअसल, कैफीन स्तन के दूध में रिस सकता है और यह आपके बच्चे के शरीर तक पहुंच सकता है। इससे बच्चे को चिड़चिड़ापन और नींद के पैटर्न में गड़बड़ी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यदि आप इन दो खाद्य पदार्थों के बिना नहीं रह सकते हैं, तो उनका सेवन सीमित करने का प्रयास करें। मसलन, दिन में एक या दो कप से अधिक कॉफी ना लें। इसी तरह, चॉकलेट के एक या दो टुकड़े लेने से नुकसान नहीं होगा।गैसीय खाद्य पदार्थआमतौर पर कहा जाता है कि अगर मां को गैस की समस्या है, तो बच्चे को भी गैस हो सकती है। ऐसे में हमें यह जानने की जरूरत है कि मां ने क्या खाया है, जिससे ऐसे प्रभाव नजर आ रहे हैं।

कुछ खाद्य पदार्थ जो गैस पैदा कर सकते हैं जैसे ब्रोकली, गोभी, राजमा, छोले, काले चने, दाल, मूंगफली, आलू और मकई।मसालेदार भोजन स्तनपान के दौरान मसालेदार भोजन से भी बचना अच्छा माना जाता है। अगर आपके शिशु को बार-बार पेट में दर्द की शिकायत होती है या उसे हर बार दस्त लग जाते हैं, तो ऐसे में आपको अपने आहार में मसालों को थोड़ा बैलेंस करके खाना चाहिए।शराबशराब से पूरी तरह से बचना चाहिए, लेकिन अगर आप शराब पीने के लिए बहुत ज्यादा बेचैन हैं, तो आपको एक से दो पैग से आगे नहीं बढऩा चाहिए। सुनिश्चित करें कि आप अपने शिशु को अंतिम पेय के कम से कम चार घंटे बाद तक दूध न पिलाएं।

हमेशा अपने बच्चे को स्तनपान कराने के बाद ही शराब का सेवन करें। शराब स्तन के दूध में अच्छी मात्रा में प्रवेश करती है और बच्चे को सुला सकती है।डेयरी प्रोडक्टस यदि आपको डेयरी प्रोडक्टस से एलर्जी की समस्या रहती है तो इनसे दूर बनाए रखें।जब माँ डेयरी उत्पाद खाती है या दूध पीती है, तो एलर्जी स्तन के दूध में प्रवेश कर सकती है और बच्चे को परेशान कर सकती है। यदि आप डेयरी उत्पादों का सेवन करने के बाद अपने बच्चे में उल्टी और दस्त जैसे लक्षणों का निरीक्षण करती हैं, तो इसका मतलब है कि आपको कुछ समय के लिए उन्हें खाना बंद करने की आवश्यकता है।

लहसुनस्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए लहसुन का सेवन नुकसान तो नहीं करता है लेकिन इसमें पाए जाने वाले तत्व एलिसिन की गंध कई लोगों को परेशान करती है। मां अगर लहसुन खाती हैं तो संभव है कि ये स्मेल ब्रेस्ट मिल्क में भी मिल सकती है जो बच्चों को नापसंद हो सकती है। ऐसे में शिशु दूध पीने से कतराने लग सकता है।