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(बिजली )
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बिजली (बिजली )उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ बिहार

, पटना. बाढ़ अनुमंडल में स्थित बाढ़ सुपर थर्मल पावर प्लांट की वर्तमान में 660 मेगावाट की 3 इकाइयों के माध्यम से कुल 1980 मेगावाट का वाणिज्यिक विद्युत उत्पादन हो रहा है. बिहार को इस संयंत्र से अभी 1526 मेगावाट बिजली मिल रहा है. अब एनटीपीसी के प्लांट से 660 मेगावाट की चौथी इकाई ने भी सफलतापूर्वक काम करना शुरू कर दिया है. इसके बाद अब बिहार को बाजार से बिजली (बिजली ) लेने की आवश्यकता नहीं होगी.

एनटीपीसी के प्रवक्ता विश्वनाथ चंदन ने बताया कि, बाढ़ स्टेज- I की इस दूसरी यूनिट से उत्पादित बिजली का 58% हिस्सा यानी 383 मेगावाट बिहार को मिलेगा, शेष झारखंड, ओडिशा और सिक्किम को आवंटित किया जाएगा. बाढ़ प्लांट की 660 मेगावाट पर्यावरण अनुकूल सुपर क्रिटिकल प्रौद्योगिकी आधारित यह चौथी इकाई है, जो आज सफल फुल लोड-ट्रायल ऑपरेशन (टीओ) के बाद इसकी जरूरी कमीशनिंग गतिविधियां पूरी की जा चुकी है.

बाढ़ प्लांट के स्टेज I की इस दूसरी यूनिट से बिजली उत्पादन शुरू होने के साथ, बिहार राज्य की बिजली क्षमता में 383 मेगावाट की वृद्धि होगी. अर्थात बाढ़ संयंत्र से बिहार को कुल बिजली आवंटन भी 1526 मेगावाट से बढ़कर 1909 मेगावाट तक पहुंच जाएगा. विश्वनाथ चंदन ने आगे बताया कि, एनटीपीसी से बिहार के 6 उत्पादन संयंत्रों सहित एनटीपीसी से बिहार का वर्तमान बिजली आवंटन भी 6560 मेगावाट से बढ़कर 6943 मेगावाट पहुंच जाएगा. बता दें कि बिहार की अधिकतम आवश्यक बिजली खपत 6700 मेगावाट है.

बाढ़ स्टेज I की दूसरी इकाई के फुल लोड ट्रायल-रन ऑपरेशन की सफलता पर, एनटीपीसी के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (पूर्व-1), डीएसजीएसएस बाबजी ने कहा कि टीम बाढ़ के पेशेवर और कैलिब्रेटेड प्रयासों के कारण ही स्टेज 1 की दूसरी इकाई का सफल ट्रायल-ऑपरेशन संभव हो पाया है, इस उपलब्धि के लिए टीम बाढ़ को ढेर सारी बधाई.

बाबजी ने आगे बताया कि, वर्तमान में एनटीपीसी की बिहार राज्य में लगभग 80 हज़ार करोड़ की निवेश के साथ कुल 6 परियोजनाओं में 9070 मेगावाट (मेगावाट) की स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता है, जबकि 660 मेगावाट की क्षमता निर्माणाधीन है. बाढ़ परियोजना के कार्यकारी निदेशक, असित दत्ता ने बाढ़ टीम को बधाई दी.