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भाट समाज भटकती जा रही है, एकजुट होने की किया अपील,समाज-अध्यक्ष पवनेंद्र कुमार

विचार सूचक
ब्यूरो रिपोर्ट,बिंदकी/फतेहपुर,मालवा ब्लॉक के दरवेशाबाद गांव में अखिल भारतीय भाट समाज एकता मंच सेवा संगठन की बैठक आयोजित हुई। जहां पर भाट समाज को आरक्षण मिलने के संबंध में चर्चा की गई। साथ ही बैठक में मुख्य रूप से उपस्थित अध्यक्ष पवनेंद्र कुमार ने कहा कि पृथ्वीराज चौहान व उनके मित्र सेनापति चंद्र भाट को मोहम्मद गौरी द्वारा युद्ध में बंदी बनाने के बाद पृथ्वीराज चौहान की आंखें फोड़ दी गई थी। जिसका बदला चंद्रभाट ने मोहम्मद गोरी से अपनी बहुत सोची-समझी साजिश के तहत शब्दभेदी बाण का कौतुक दिखाने के बहाने अपनी शब्द रचना व दोहे के माध्यम से मत चूको चौहान कहकर मोहम्मद गौरी को मरवा दिया था और स्वयं भी मर गए थे। तभी से यह जाति दर दर की ठोकर खा रही है। देश की आजादी बाघ भाट जाति को अंग्रेजों द्वारा हिंसक जनजाति घोषित किया गया था।

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तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने मुक्ति दिलाई थी। सन 1951 से भाट जाति को विमुक्ति जाति में डाल दिया गया लेकिन केटेगरी निर्धारित नहीं की गई और आरक्षण भी नहीं दिया गया था। समाज का एक छात्र जिसका लेखपाल परीक्षा में चयन किया गया है। जबकि छात्र का इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में विमुक्ति जाती (एसटी) कैटेगरी अनुसूचित जनजाति के तहत प्रवेश दिया गया है लेकिन वर्तमान समय मे विमुक्ति जाति प्रमाण पत्र में यह निर्गत किया जाता है कि यह आरक्षण में मान्य नही है। भाट समाज के लोगो ने मांग रखी कि शिक्षा के साथ नौकरी में भी एसटी कैटेगरी मान्य की जाए अन्यथा आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी। इस मौके पर पुरुषोत्तम, कुंदन, धीरेन्द्र, धर्मेंद्र, प्रमोद, फूल सिंह, विमल, कैलाश, नितेन्द्र कुमार सहित तमाम लोग मौजूद रहे।