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दोस्त बनें भारत-चीन, यूक्रेन को लेकर कही यह बात -सर्गेई लावरोव

सर्गेई लावरोव ने कहा कि हर कोई क्यों बातचीत के लिए रूस की पहल की कमी पर सवाल उठा रहा है? लोग यूक्रेन की बातचीत की पहल पर सवाल क्यों नहीं उठा रहे हैं?
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के साथ संबंधों को असामान्य बताया था जिसके बाद अब रूस ने दोनों देशों को दोस्ती करने की सलाह दी है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) का कहना है कि वह चाहते हैं चीन और भारत दोस्त बनें. उन्होंने कहा कि रूस के दोनों देशों के साथ संबंध अच्छे हैं. हम चाहते हैं कि ये दोनों देश दोस्त बनें.

India – China

सर्गेई लावरोव ने शुक्रवार को यह बात कही. इससे ठीक एक दिन पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत और चीन के बीच संबंध असामान्य हैं. उन्होंने यह बात चीन के विदेश मंत्री किन कांग के साथ हुई बैठक में कहा था.

अब मास्को चाहता है कि दोनों देश दोस्ती करें. सर्गेई ने रायसीना डायलॉग में चीन-भारत और चीन-रूस संबंधों पर एक सवाल का जवाब देते हुए दोनों देशों को दोस्ती करने की सलाह दी है.

उन्होंने कहा कि रूस की उपस्थिति भारत और चीन के लिए बेहतर हो सकती है. चीन और भारत शायद आमने-सामने चर्चा नहीं चाहते हैं. रूस हमेशा लोगों को एक साथ लाने के पक्ष में है. इस दौरान उन्होंने रूस और यूक्रेन युद्ध पर भी बातचीत की.

हर कोई रूस पर सवाल उठा रहे हैं यूक्रेन पर क्यों नहीं…

सर्गेई लावरोव ने कहा कि हर कोई क्यों बातचीत के लिए रूस की पहल की कमी पर सवाल उठा रहा है? लोग यूक्रेन की बातचीत की पहल पर सवाल क्यों नहीं उठा रहे हैं? हर कोई पूछ रहा है कि रूस कब बातचीत के लिए तैयार है? उन्होंने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से कोई नहीं पूछता कि वह कब बातचीत करने जा रहे हैं. पिछले साल जेलेंस्की ने एक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए थे कि जब तक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीरपुतिन मौजूद हैं रूस के साथ बातचीत करना एक आपराधिक अपराध है.

रूस की ऊर्जा जरूरतों पर युद्ध के प्रभाव पर लावरोव का कहना है कि मास्को पश्चिम को फिर से गैस पाइपलाइनों को उड़ाने नहीं देगा और ऊर्जा भागीदार के रूप में पश्चिम पर भरोसा नहीं करेगा.इसके बजाय वो भारत और चीन जैसे विश्वसनीय साझेदारों पर भरोसा करेंगे.