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  (अश्वगंधा)
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सेहत के लिए वरदान है अश्वगंधा  (अश्वगंधा)

अश्वगंधा: आमतौर पर अश्वगंधा बालों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. दरअसल बालों की बेहतर देखभाल के लिए बहुत लोग किसी न किसी तरह से अश्वगंधा का उपयोग करते हैं. लेकिन आपको बता दें कि अश्वगंधा  (अश्वगंधा) केवल बालों के लिए ही फायदेमंद नहीं है. सेहत को भी ये कई तरह के जबरदस्त फायदे पहुंचाता है. अश्वगंधा एक तरह की जड़ी-बूटी है, जो इसके नेचुरल रूप के अलावा कैप्सूल, पाउडर और लिक्विड के तौर पर भी बाजार में आसानी के साथ मिल जाता है. तो आइये जानते हैं अश्वगंधा के कुछ फायदों के बारे में.

अर्थराइटिस में मददगार – अश्वगंधा अर्थराइटिस की दिक्कत को दूर करने में काफी कारगर मानी जाती है. बता दें कि अश्वगंधा में एंटी-इन्फ्लेमेट्री प्रॉपर्टीज़ के साथ ही सूजनरोधी गुण भी पाए जाते हैं. जो दर्द निवारक की तरह से काम करते हैं. जिसके चलते दर्द से राहत मिलना आसान होता है और अर्थराइटिस की दिक्कत कम होती है.

अल्जाइमर की गति करे धीमा – न्यूरोडिजेनरेटिव रोग अल्जाइमर दिमाग से सम्बंधित एक ऐसी बीमारी है, जिसमें दिमाग और इससे रिलेटिड कुछ हिस्से डैमेज होने लगते हैं. जिसकी वजह से व्यक्ति को मेमोरी लॉस की समस्या हो सकती है. ऐसे में अश्वगंधा अल्जाइमर की गति को धीमा करने में मददगार साबित हो सकती है.

कैंसर का खतरा होता है कम – कैंसर की बीमारी के खतरे को कम करने में भी अश्वगंधा अच्छी भूमिका निभा सकती है. अश्वगंधा जड़ी-बूटी कैंसर सेल को बढ़ने से रोकने का काम करती है. जिसके चलते कैंसर शरीर के बाकी हिस्सों में फैलता नहीं है. वर्ष 2011 में जानवरों पर की गयी एक स्टडी में सामने आया कि अश्वगंधा ट्यूमर को कम करने में भी मदद कर सकती है.

हार्ट रहता है हेल्दी – हार्ट को हेल्दी रखने में भी अश्वगंधा अच्छी भूमिका अदा करती है. इसके इस्तेमाल से हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करना आसान होता है. वर्ष 2015 में हुई एक रिसर्च में पाया गया कि अश्वगंधा जड़ी-बूटी कार्डियोरेस्पिरेटरी एन्डुरेंस को बढ़ाने में मदद करती है. जिसके चलते दिल की सेहत को दुरुस्त रखने में हेल्प मिलती है.

एंग्जायटी की दिक्कत करे कम – अश्वगंधा जड़ी-बूटी एंग्जायटी की दिक्कत को दूर करने का काम भी करती है. इससे चिंता और तनाव कम होता है और स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल का लेवल भी लो होता है. बता दें कि वर्ष 2019 में हुई स्टडी में सामने आया कि प्रतिदिन अश्वगंधा की 240 मिलीग्राम डोज लेने से लोगों के स्ट्रेस लेवल में काफी कमी देखी गयी और कोर्टिसोल का स्तर भी काफी कम पाया गया.

डोज कितनी लेनी चाहिए?
वैसे तो अश्वगंधा की खुराक बीमारी की स्थित पर निर्भर करती है. लेकिन रिसर्च के अनुसार प्रतिदिन 250-600 मिलीग्राम तक खुराक स्ट्रेस को कम कर सकती है. अश्वगंधा कैप्सूल, पाउडर और लिक्विड के तौर पर बाजार में मिलता है. कैप्सूल में अक्सर 250 से 1,500 मिलीग्राम तक अश्वगंधा पाउडर रहता है.

इन बातों का रखें ख्याल
अश्वगंधा का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से सम्पर्क करना जरूरी है. क्योंकि ज्यादा डोज लेने से पाचन सबंधी दिक्कतें, दस्त, मतली और उल्टी होने की संभावना रहती है. इसकी ज्यादा खुराक आंतों के म्यूकोसा की जलन की वजह भी बन सकती है. इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को अश्वगंधा का उपयोग करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे भ्रूण को परेशानी हो सकती है और समय से पहले प्रसव हो सकता है.