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प्रयागराज में उमेश पाल पर हुए हमले में घायल दूसरे पुलिस जवान ने भी तोड़ा दम !

प्रयागराज में बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल पर 24 फरवरी को हुए हमले सुरक्षा करते हुए घायल दूसरे पुलिस कांस्टेबल राघवेंद्र सिंह की लखनऊ में एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल की सुरक्षा करते हुए घायल दूसरे पुलिस कांस्टेबल राघवेंद्र सिंह की आज बुधवार लखनऊ में एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उमेश पाल (Umesh Pal Murder) पर बीते 24 फरवरी को हुए हमले में सुरक्षा करते हुए घायल दूसरे पुलिस कांस्टेबल राघवेंद्र सिंह (Police Constable Raghavendra Singh) की आज बुधवार को लखनऊ में एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. राघवेंद्र सिंह का लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SGPGI) में इलाज चल रहा था. संस्थान के निदेशक आर के धीमान ने विकास की पुष्टि की.

उमेश पाल 2005 में बसपा विधायक राजूपाल हत्याकांड (BSP MLA Raju Pal Murder case) का मुख्य गवाह है.प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र के जैतीपुर में बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह रहे उमेश पाल और उनके सुरक्षा गार्ड संदीप निषाद की गत शुक्रवार यानि 24 फरवरी को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. राघवेंद्र सिंह, जो घायल भी थे, को शुरू में एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर रविवार को लखनऊ में एसजीपीजीआई रेफर कर दिया गया था.

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके पुलिस सुरक्षाकर्मी संदीप निषाद की पिछले शुक्रवार को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

उमेश पाल 2005 में प्रयागराज में हुई हत्या के मामले में मुख्य गवाह था, जिसमें पूर्व सांसद और गैंगस्टर अतीक अहमद और अन्य मुख्य आरोपी हैं.

उमेश पाल हत्याकांड का एक आरोपी अरबाज सोमवार को पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था. मुठभेड़ में धूमनगंज थाने के एसएचओ राजेश मौर्य भी घायल हो गए थे.समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व सांसद और गैंगस्टर अतीक अहमद ने अपनी सुरक्षा के लिए बुधवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया और दावा किया कि उसे और उसके परिवार को प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड मामले में आरोपियों के रूप में गलत तरीके से शामिल किया गया है और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उसे फर्जी मुठभेड़ में मारा जा सकता है.

अहमदाबाद केंद्रीय जेल में बंद अहमद ने अपनी याचिका में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा विधानसभा में दिए गए उस कथित बयान का हवाला दिया कि उसे पूरी तरह से मिट्टी में मिला दिया जाएगा और दावा किया कि उसे और उसके परिवार के सदस्यों को जान का वास्तविक और प्रत्यक्ष खतरा है. अतीक अहमद ने कहा कि इस बात की पूरी संभावना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस उसकी ट्रांजिट रिमांड मांगेगी और उसे अहमदाबाद से प्रयागराज ले जाने के लिए पुलिस रिमांड भी मांगेगी और उसे ”ऐसी आशंका है कि इस ट्रांजिट अवधि के दौरान फर्जी मुठभेड़ में उसे मार गिराया जाए.

उच्चतम न्यायालय में दायर अपनी याचिका में 61 वर्षीय अहमद ने राज्य के उच्च पदाधिकारियों से उसके जीवन को ”खुले और प्रत्यक्ष खतरे” से बचाने के लिए उसके जीवन की रक्षा करने के निर्देश केंद्र, उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य को देने का अनुरोध किया है.

याचिका में कहा गया है, ”उमेश पाल की हत्या के बाद, विपक्ष ने सदन में आग में घी डालने का काम किया और मुख्यमंत्री को यह कहने के लिए उकसाया कि..’माफिया को मिट्टी में मिला दूंगा’ और उस समय सदन में चर्चा याचिकाकर्ता पर ही चल रही थी. याचिका में आरोप लगाया गया है, ”याचिकाकर्ता (अहमद) वास्तव में इस बात को लेकर आशंकित है कि उसे उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा किसी न किसी बहाने फर्जी मुठभेड़ में मार दिया जा सकता है, विशेष रूप से मुख्यमंत्री योगी द्वारा सदन में दिये गये बयान को देखते हुए.”