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( new parliament )
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अजीत पवार ने किया नए संसद ( new parliament )भवन का समर्थन

पुणे. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) विधायक अजीत पवार ने पार्टी अध्यक्ष शरद पवार के उलट जाकर नए संसद ( new parliament ) भवन का समर्थन किया है. उन्होंने सोमवार को कहा, ‘देश की जनसंख्या जो 135 करोड़ के पार जा रही है उसे ध्यान में रखते हुए उनका प्रतिनिधित्व करने वाले लोग भी बढ़ेंगे. इसलिए मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि इस नए संसद भवन की जरूरत थी. इसे रिकॉर्ड समय में बनाया गया है, यहां तक कि कोविड काल के दौरान भी काम चलता रहा. अब इस नए भवन में, सभी को संविधान के अनुसार काम करना चाहिए और आम लोगों के मुद्दों को हल करना चाहिए, सभी को इसमें भाग लेना चाहिए.’

दरअसल, एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने नये संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम से दूर रहने संबंधी विपक्षी दलों के फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि इस बारे में सांसदों को भरोसे में नहीं लिया गया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार सुबह नई दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन किया और ऐतिहासिक सेंगोल को लोकसभा कक्ष में स्थापित किया. एनसीपी सहित बीस से अधिक विपक्षी दलों ने समारोह का बहिष्कार किया क्योंकि उनका कहना था कि नये संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा किया जाना चाहिए.

महाराष्ट्र में एनसीपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना (यूटीबी) ने भी नए संसद भवन को लेकर केंद्र की आलोचना की थी. शिवसेना (यूटीबी) नेता संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे संपादकीय ‘रोखठोक’ में दावा किया कि राष्ट्रपति मुर्मू की अनदेखी करके नए संसद भवन का उद्घाटन किया जाना परंपरा और नियमों के अनुरूप नहीं है. उन्होंने लिखा कि जिस तरह से संसद को अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश की जा रही है यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है.

नये संसद भवन में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की कालीन, त्रिपुरा के बांस से बने फर्श और राजस्थान के पत्थर की नक्काशी भारत की संस्कृतिक विविधता को दर्शाती है. तमिलनाडु से संबंध रखने वाले और चांदी से निर्मित एवं सोने की परत वाले ऐतिहासिक राजदंड (सेंगोल) को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया गया. अगस्त 1947 में सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दिया गया यह रस्मी राजदंड इलाहाबाद संग्रहालय की नेहरू दीर्घा में रखा गया था.