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अधिवक्ताओं व बैनामा लेखकों ने तहसील में जमकर की नारेबाजी

किशनी।नवागत तहसीलदार के आते ही अधिवक्ताओं ने उनके निर्णय पर मोर्चा खोल दिया है।अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर में जमकर नारेबाजी कर विरोध जताया।नवागत तहसीलदार कमलेश कुमार ने पत्रावलियों पर रिपोर्ट लगाने के लिये लेखपाल को हस्तांतरण करने का आदेश दिया है।जिस पर तहसील के सभी अधिवक्ताओं में भारी आक्रोश हैं।सोमवार को तहसील बार एसोसिएशन अध्यक्ष योगेंद्र चौहान के नेतृत्व में तहसील के सभी अधिवक्ताओं व बैनामा लेखकों ने तहसील परिसर में जमकर नारेबाजी की।अध्यक्ष योगेंद्र चौहान ने बताया कि कई महीनों पहले बैनामा लेखकों की जिन पत्रावलियों पर आदेश हो चुके हैं उन्हें आजतक खतौनी व कम्प्यूटर में दर्ज नहीं किया गया है।न्यायालय में पत्रावलियों का रखरखाव सही नहीं है न ढूंढने पर मिलती हैं।

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तहसीलदार ने आदेश किया है कि जनता द्वारा कराए जा रहे बैनामा पर हस्तांतरण रिपोर्ट लगवाई जाए जो नियम विरुद्ध है।पत्रावलियों पर 35 से 45 दिन तक निर्णय करने का नियम है लेकिन पांच महीने बीतने पर भी कोई निर्णय नहीं हो रहा है।न्यायालय की पत्रावली रिपोर्ट लगाने के लिये लेखपाल को दी जा रही है जो शासनादेश के विरुद्ध है।पत्रावलियों को अधीनस्थ कर्मचारी के द्वारा तलब करना चाहिये लेकिन लेखपाल को देने से वादकारियों का शोषण होगा।अभी ज्ञापन के माध्यम से अधिकारियों के सामने बात रखी जायेगी समस्या का निदान न होने पर बैठक कर निर्णय लिया जाएगा।वहीं तहसीलदार कमलेश कुमार ने बताया कि उनकी इस सम्बंध में अभी वकीलों से कोई वार्ता नहीं हुई है न मामला उनके संज्ञान में है।बैनामा पर लेखपालों की रिपोर्ट नियम के अनुसार ही मांगी जाती है।इस मामले पर अधिवक्ता उनसे बात कर जानकारी कर सकते हैं।आज उन्होंने लेखपालों के साथ बैठक भी की है।इस मौके पर अधिवक्ता रमाकांत दुबे,उदय प्रताप सिंह,उदयवीर यादव,सत्यपाल सिंह,राहुल शाक्य,प्रदीप सक्सेना,कृष्ण प्रताप सिंह,जीतू मिश्रा,लाल सिंह सक्सेना,सुमित शाक्य,सतेंद्र सिंह,अखिलेश शाक्य,आनंद कुमार शाक्य,कुलदीप सक्सेना,आदित्य दीक्षित,देवेंद्र कुमार दुबे,नरेंद्र राठौर,रामानन्द सिंह सहित कई अधिवक्ता व बैनामा लेखक मौजूद रहे।