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एडाप्ट-ए-हेरिटेज नीति-अपनी धरोहर-अपनी पहचान के तहत कुसुम वन सरोवर एवं रसखान की समाधि के विकास के लिए स्मारक मित्र के रूप में जी0एल0ए0 विश्वविद्यालय मथुरा का चयन

लखनऊ (केवल) –एडाप्ट-ए-हेरिटेज नीति-अपनी धरोहर-अपनी पहचान के तहत अभिरूचि की अभिव्यक्ति के माध्यम से 02 स्मारकों-कुसुम वन सरोवर एवं रसखान की समाधि जनपद मथुरा के विकास एवं रख रखाव हेतु स्मारक मित्र के रूप में जी0एल0ए0 युनिवर्सिटी मथुरा का चयन करके 05 वर्ष के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कराया गया है।

यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने मंगलवार को दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के विभिन्न स्मारकों, प्रचीन स्थलों के विकास, रखरखाव एवं जनसुविधाओं के प्रबन्धन सार्वजनिक उद्यमों एवं निजी क्षेत्र की भागीदारी से तथा उनके स्वयं के संसाधनों द्वारा कराये जाने के उद्देश्य से अगस्त 2021 में एडाप्ट-ए-हेरिटेज नीति लागू की गई थी।

श्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस नीति के तहत किसी भी निजी क्षेत्र के सार्वजनिक उद्यम, पी0एस0यू0 एवं एन0जी0ओ0 या व्यक्ति को स्मारक मित्र बनाया जा सकता है। स्मारक मित्र द्वारा सार्वजनकि जन सुविधाएं, पहुंच मार्ग एवं पाथ-वे, स्थलों की स्वच्छता एवं सौन्दर्यीकरण तथा प्रकाश व्यवस्था, सूचना पट्ट, दिव्यांगजन के उपयोगार्थ शौचालय, रैम्प, व्हीलचेयर, कैफेटेरिया तथा लाइट एण्ड साउण्ड शो के कार्य कराये जायेंगे।

इस नीति के तहत प्रथम चरण में 11 स्मारकों/पुरास्थलों का चयन किया गया है, जिसमें लखनऊ की छतर मंजिल, फरहत बख्श कोठी, गुलिस्ताने इरम, दर्शन विलास कोठी, हुलास खेड़ा उत्खनन् स्थल लखनऊ, गोवर्द्धन की छतरियां मथुरा, गुरूधाम मंदिर, कर्दमेश्वर महादेव मंदिर, वाराणसी, चुनार किला मिर्जापुर, प्रचीन दुर्ग बरूआसागर झांसी आदि शामिल हैं।