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(religious beliefs)
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धार्मिक मान्यताओं (religious beliefs)के अनुसार ग्रहण के दौरान कभी भी सोना नहीं चाहिए

चंद्र ग्रहण: धार्मिक मान्यताओं (religious beliefs)के अनुसार ग्रहण को अशुभ घटना के तौर पर देखा जाता है. आमतौर पर ग्रहण दो प्रकार के होते हैं चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण. 2022 में दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण हैं, जिनका राशियों के अलावा पृथ्वी पर मौजूद सभी जीव-जंतुओं पर खासा असर देखने को मिलता है. आज हम जानेंगे भोपाल के रहने वाले ज्योतिषी हितेंद्र कुमार शर्मा से कि आखिर चंद्र और सूर्य ग्रहण में से कौन सबसे अधिक पृथ्वी को प्रभावित करता है.

चंद्र ग्रहण कैसे लगता है
चंद्र ग्रहण के समय जब चंद्रमा और सूरज के बीच पृथ्वी आ जाती है और पृथ्वी की छाया चंद्रमा को ढक लेती है तो इस स्थिति को चंद्र ग्रहण कहते हैं.

कैसे लगता है सूर्य ग्रहण
जब सूर्य ग्रहण लगता है तो पृथ्वी और सूरज के बीच चंद्रमा आ जाता है. चंद्रमा के बीच में आने से चंद्रमा की छाया पृथ्वी को ढक लेती है, इस स्थिति को सूर्यग्रहण कहते हैं.

कैसा होता है छाया का असर
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सूर्य ग्रहण के दौरान धरती पर चंद्रमा की छाया पड़ती है. सीधे शब्दों में कहा जाए तो सूर्य ग्रहण का प्रभाव धरती पर अधिक होता है. जानकारी के अनुसार चंद्र ग्रहण चंद्रमा को अधिक प्रभावित करता है. वहीं सूर्य ग्रहण पृथ्वी को ज्यादा प्रभावित करता है. हालांकि चंद्र और सूर्य ग्रहण दोनों का असर पृथ्वी पर देखने को मिलता है.
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र या अपने इष्ट देवता का स्मरण करना चाहिए. ग्रहण समाप्त होने के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाते हुए ओम नमः शिवाय मंत्र का उच्चारण करना चाहिए. इससे चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभावों का असर नहीं पड़ता.

चंद्र ग्रहण के दौरान क्या न करें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दौरान कभी भी सोना नहीं चाहिए. इस दौरान पका हुआ भोजन खाने और पानी पीने से भी परहेज करना चाहिए. मान्यता के अनुसार पेड़- पौधे को छूने से बचें, ग्रहण काल में भगवान पर कष्ट होता है