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‘दुबे तुम मुंबई में आ जाओ, समंदर में डुबो-डुबो के मारेंगे'(समंदर में ) 

मुंबई: राज ठाकरे ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को चुनौती देते हुए कहा कि वे मुंबई आ जाएं, हम उन्हें समंदर में  (समंदर में )   डुबो-डुबो के मारेंगे। राज ठाकरे ने हिंदी भाषा को लेकर चल रहे विवाद पर भी कहा कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री हिंदी के लिए लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार को आत्महत्या करना है तो करे। देवेंद्र फडणवीस लागू करके देखो तो..। राज ठाकरे मीरा रोड में पार्टी के दफ्तर का उद्घाटन करने पहुंचे थे।

हिंदी बोलने वाले लोग महाराष्ट्र में नौकरी करने क्यों आते हैं?
राज ठाकरे ने कहा कि हिंदी बोलने वाले लोग महाराष्ट्र में नौकरी करने क्यों आते हैं? अगर हिंदी बोलने वाले को दूसरी जगह जाना पड़ता है तो इसका क्या फायदा? हिंदी किसी की मातृभाषा नहीं है। कल जिसको कान के नीचे मारा उसको पूछना की उसकी भाषा क्या है? उन्होंने कहा कि अगर किसी के कान में मराठी भाषा नहीं घुसती तो कान के नीचे मारना जरूरी है। राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में रहना है तो मराठी सीखनी होगी। असल में 29 जून को राज ठाकरे की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मीरा रोड़ में एक दुकानदार को इसलिए मारा था क्योंकि वो हिन्दी में बात कर रहा था। यह विवाद बढ़ गया था। कारोबारियों ने विरोध किया था और पुलिस में भी यह मामला गया था। इसलिए आज राज ठाकरे ने मीरा रोड जाकर अपने कार्यकर्ताओं का समर्थन किया।

कान के नीचे बजना चाहिए
राज ठाकरे ने कहा. “उस दिन जो प्रसंग हुआ जो एक मिठाई वाले को मारा। अगर कान से मराठी समझ में नहीं आ रही तो कान के नीचे बजना ही चाहिए। वो क्या था कि मोर्चे के बाद लोग पानी खरीदने गए तो मिठाई वाले ने बोला कि मोर्चा किस लिए निकाल रहे हो? हमारे लोगों ने बताया कि हिंदी सख्ती का GR रद्द हुआ है उसके लिए। तो वह शख्स कहता है कि इधर तो हिंदी चलता है और उसने जो बदतमीजी दिखाई उस वजह से उसके कान के नीचे पढ़ना चाहिए था और वह पड़ा। उसके लिए इन व्यापारियों ने बंद बुला लिया। आपको मारा था क्या? अभी नहीं मारा है। विषय नहीं समझना है, बिना समझे राजनीतिक पार्टी के दबाव में बंद बुलाओगे तो तुम्हें क्या लगता है मराठी व्यापारी नहीं है? कितनी देर बंद रखोगे? हम कुछ लेंगे तभी तो दुकान चलेगी ना। तुम्हे महाराष्ट्र में रहना है तो शांतिपूर्वक रहो। मराठी सीखो। हमारा तुमसे कोई झगड़ा नहीं है। लेकिन मस्ती करोगे तो दंड मिलेगा ही मिलेगा।”

मेरी हिंदी अच्छी है लेकिन नहीं बोलूंगा
हिंदी ने देश में करीब 250 भाषाओं को मार दिया है। बिहार में आज भी लोग अपनी मातृभाषा बोलते है हिंदी नहीं। हनुमान चालीसा हिंदी नहीं अवधि में है। मुझे सभी भाषाओं से प्यार है। महाराष्ट्र में सभी नेताओं से अच्छी मेरी हिंदी है। लेकिन नही बोलूंगा जाओ..। राज ठाकरे ने आरोप लाया कि कहा कि हिंदी भाषा तो पहली सीढ़ी है बाद में मुंबई को गुजरात में मिलाने का इनका सपना है। राज ठाकरे ने कहा-‘बीजेपी के सांसद, क्या नाम है दुबे.. उसने कहा कि मराठी लोगों को पटक-पटक के मारेंगे। दुबे तुम मुंबई में आ जाओ, समंदर में डुबो-डुबो के मारेंगे।’

क्या कहा था निशिकांत दुबे ने?
दरअसल, हिंदी भाषी लोगों से मारपीट की घटना के बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का एक बयान आया था। इसमें उन्होंने कहा था कि हिंदी भाषी लोगों को मुंबई में मारने वाले यदि हिम्मत है तो महाराष्ट्र में उर्दू भाषियों को मार कर दिखाओ, अपने घर में तो कुत्ता भी शेर होता है। कौन कुत्ता और कौन शेर, खुद ही फैसला कर लो। निशिकांत दुबे ने कहा था, “आप किसकी रोटी खा रहे हो? टाटा, बिरला, रिलायंस की महाराष्ट्र में यूनिट तक नहीं है। टाटा ने तो पहली फैक्ट्री भी तब के बिहार में बनाई, जब झारखंड साथ था। हमारे पैसे पर पल रहे हो, तुम कौन सा टैक्स देते हो। कौन सी इंडस्ट्री है तुम्हारे पास, सारे माइंस हमारे पास है या फिर झारखंड के पास है और छत्तीसगढ़ के पास हैं। मध्य प्रदेश के पास है, ओडिशा के पास है पर आपके पास कौन सी माइंस है।”

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