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30 किलोटन थी बम की कैपेसिटी, 1945 में हिरोशिमा पर गिराए लिटिल ब्वॉय से डेढ़ गुना ताकतवर: NKorea ने किया 5th न्यूक्लियर टेस्ट

सिओल.नॉर्थ कोरिया ने 5th न्यूक्लियर टेस्ट कर लिया है। इस बात की जानकारी नॉर्थ कोरियाई स्टेट रन टीवी KRT ने दी। इस टेस्ट को उसका अब तक का सबसे पावरफुल टेस्ट बताया जा रहा है। साउथ कोरियाई मिलिट्री के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया की न्यूक्लियर साइट पुंगे-री में 5.3 तीव्रता का आर्टिफिशियल भूकंप का झटका महसूस किया गया। एक्सपर्ट का कहना है कि नॉर्थ कोरिया के टेस्ट किए गए बम की ताकत 1945 में अमेरिका के हिरोशिमा पर गिराए बम से करीब डेढ़ गुना ज्यादा थी। बता दें कि जनवरी में नॉर्थ कोरिया ने हाइड्रोजन बम का टेस्ट किया था। 9 सितंबर को होता है नॉर्थ कोरिया का फाउंडेशन डे…
– 9 सितंबर को नॉर्थ कोरिया अपना फाउंडेशन डे सेलिब्रेट करता है। 1948 में इसी दिन नॉर्थ कोरिया का गठन हुआ था।
– ये भी माना जा रहा था कि इस मौके पर नॉर्थ कोरिया टेस्ट कर फाउंडेशन डे सेलिब्रेट कर सकता है।
– जापान और साउथ कोरिया के ऑफिशियल्स ने 5.3 तीव्रता के भूकंप आने की बात कही है।
– साउथ कोरियाई न्यूज एजेंसी योनहाप को एक वेदर ऑफिशियल ने बताया कि नॉर्थ कोरिया में ऑर्टिफिशियल भूकंप के झटके महसूस किए गए। ये बात की प्रबल संभावना है कि उसने न्यूक्लियर टेस्ट किया हो।
हिरोशिमा पर गिराए बम से डेढ़ गुना पावरफुल
– 6 अगस्त 1945 को IInd वर्ल्ड वॉर के दौरान अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा पर ‘लिटिल ब्वॉय’ नामक एटम बम गिराया था। इस बम की कैपेसिटी 13-18 किलोटन थी।
– इसी साल नॉर्थ कोरिया ने जो हाइड्रोजन बम का टेस्ट किया, उसकी कैपेसिटी 6 किलोटन थी।
– कैलिफोर्निया के मिडलबरी इंस्टीट्यूट के इंटरनेशनल स्टडीज के एक्सपर्ट जेफरी लुइस के मुताबिक, ‘नॉर्थ कोरिया ने अब तक जितने भी टेस्ट किए हैं, ये उनमें सबसे ज्यादा पावरफुल है। भूकंप की तीव्रता बताती है कि ये बम कम से कम 20-30 किलोटन का हो सकता है।’ यानी हिरोशिमा पर गिराए बम से डेढ़ गुना ज्यादा ताकतवर।
– लुइस ये भी कहते हैं, ‘अहम बात ये है कि नॉर्थ कोरिया ने 5 न्यूक्लियर टेस्ट कर चुका है। वह काफी एक्सपीरियंस्ड हो चुका है। अब उसे बैकवर्ड देश नहीं कहा जा सकता।’
– कोरिया इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस एनालिसिस के किम जिन-मू के मुताबिक, ‘सिओल के अफसर काफी महीनों से कह रहे थे कि नॉर्थ कोरिया टेस्ट के लिए जमीन तैयार कर रहा है।’
– जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी में यूएस-कोरिया इंस्टीट्यूट का कहना है, ‘हम पिछले महीने से वेबसाइट 38 North देख रहे हैं, उसपर लगातार एक्टिविटी जारी हैं। खासकर उसी जगह पर जहां, जनवरी में नॉर्थ कोरिया ने टेस्ट किया था।’
ओबामा ने की साउथ कोरियाई प्रेसिडेंट से बात
– साउथ कोरियाई प्रेसिडेंशियल ऑफिस के मुताबिक, बराक ओबामा ने पार्क गुन हे से करीब 15 मिनट तक बात की।
– इससे पहले भी ओबामा ने नॉर्थ कोरिया के मिसाइल टेस्ट के बाद भी पार्क और जापानी पीएम शिंजो आबे के साथ बात की थी और प्योंगयांग पर कड़े सेंक्शंस लगाने को कहा था।
– उधर, पार्क ने कहा, ‘नॉर्थ कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन लगातार अपनी सनकी मानसिकता से काम कर रहा है। वो लगातार दुनिया की तरफ से की जा रही न्यूक्लियर वेपन्स पर रोक लगाने की अपील को दरकिनार कर रहा है।’
जापान ने कहा- मजबूती से विरोध करेंगे
– जापान के चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी योशीहिदे सुगा ने इमरजेंसी प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई।
– सुगा के मुताबिक, ‘भूकंप आने की वजह नॉर्थ कोरिया का न्यूक्लियर टेस्ट करना हो सकता है।’
– न्यूज ब्रॉडकास्टर NHK के मुताबिक, ‘जापान की डिफेंस मिनिस्ट्री एक एयरक्राफ्ट भेजने पर भी विचार कर रही है ताकि वहां हुए रेडिएशन का पता लगाया जा सके।’
– वहीं जापान के फॉरेन मिनिस्टर फूमियो किशिदा ने कहा, ‘अगर नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर टेस्ट की बात कन्फर्म है तो हम इसका मजबूती से विरोध करेंगे। यूएन सिक्युरिटी काउंसिल में भी ये मुद्दा उठाया जाएगा।’
– बता दें कि 2006 में पहला टेस्ट करने के बाद ही नॉर्थ कोरिया पर यूएन ने कड़े सेंक्शंस लगाए थे।
क्यों बेहिचक न्यूक्लियर वेपन्स बना रहा नॉर्थ कोरिया?
– नॉर्थ कोरिया ने 1985 में नॉन-प्रोलिफिरेशन ट्रीटी (परमाणु अप्रसार संधि-NPT) को मंजूर किया था। इसके तहत वो एक्टिव तौर पर न्यूक्लियर वेपन्स डेवलप नहीं कर सकता था, लेकिन उसने समझौते को नहीं माना।
– 2003 में नॉर्थ कोरिया ने खुद को इस एग्रीमेंट से अलग करने का एलान कर दिया।
– एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि वह खुद को अमेरिका और अपने पड़ोसी देशों से ज्यादा ताकतवर दिखाना चाहता है। इसलिए वह लगातार टेस्ट करता रहता है।