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100 साल से नहीं हुई जहां किसी की मौत

जिंदगी और मौत प्राकृतिक चीज है. ये किसी के हाथ में नहीं है. भगवान की मर्जी से किसी का जन्म होता है और उन्हीं की मर्जी से किसी की मौत होती है. लेकिन अगर हम आपसे कहें कि दुनिया में एक ऐसी जगह है जहां लोग सरकार की मर्जी से जिंदा रहते हैं तो? इस जगह पर सरकार में लोगों के मरने पर बैन लगा रखा है. इस जगह पर 1917 में आखिरी बार किसी की मौत हुई थी. इसके बाद से अभी तक यहां किसी की मौत नहीं हुई है.

हम बात कर रहे हैं नार्वे के लॉन्ग इयरबेन के बारे में. यहां मई से लेकर जुलाई तक सूर्य अस्त नहीं होता. यहां लगातार 76 दिन तक सूर्योदय रहता है. यानी इतने दिनों तक यहां रात नहीं होती. इस दौरान यहां काफी ठंड पड़ती है. इस जगह पर सरकार ने लोगों की मौत पर बैन लगा रखा है. इसकी खास वजह है. दरअसल, इस जगह पर भीषण ठंड पड़ती है. इस कारण जब किसी की मौत होती है तो शव को दफनाए जाने के बाद ठंड के कारण उसमें सड़न नहीं आती. ऐसे में डेड बॉडी ज्यों के त्यों सदियों तक पड़ी रहती है.

इस जगह पर आखिरी बार 1917 में एक शख्स की मौत हुई थी. इसकी मौत की वजह इन्फ्लुएंजा थी. शख्स को मौत के बाद दफना दिया गया था. लेकिन यहां इतनी ठंड पड़ती है कि उसकी बॉडी आजतक सड़ नहीं पाई है. इसके अलावा बॉडी में अभी भी इन्फ्लुएंजा के वायरस मौजूद हैं. इसके बाद से सरकार ने यहां मरने पर बैन लगा दिया है. अब आप सोच रहे होंगे कि बैन लगाने से मौत कैसे रुक सकती है. तो बताते हैं आपको इसका कारण.

असल में जब से इस जगह पर मरने के ऊपर बैन लगा है, तबसे यहां के लोग मौत से पहले दूसरी जगह पर भेज दिए जाते हैं. जी हां, जैसे ही यहां रहने वाले किसी इंसान की तबियत खराब होती है, उसे तुरंत दूसरी जगह भेज दिया जाता है. इसके बाद वही उसकी देखभाल की जाती है. अगर उसकी मौत हो जाए, तो वहीं उसका अंतिम संस्कार कर दिया जाता है.