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यूपी में’प्रति सेकेंड 1 नल’  (1 नल’)

नई दिल्ली: भारत ने साल 2024 तक हर घर को पीने योग्य नल के पानी से कवर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी ‘हर घर जल योजना’ के तहत इस साल ‘प्रति सेकंड एक नल’  (1 नल’) स्थापित करने की तीव्र गति हासिल की है. साल 2023 के पहले 8 महीनों में ही देश ने पिछले साल के सभी रिकॉर्ड को पार कर लिया है. देश में इस साल अगस्त तक 2.16 करोड़ नए नल कनेक्शन लगाए गए, जबकि 2022 के पूरे साल में यह संख्या 2.08 करोड़ थी.

इस साल योजना के तहत प्रति दिन औसतन 89,097 नल लगाए गए हैं जो ‘प्रति सेकंड एक नल’ से अधिक है. साल 2022 में, औसतन प्रतिदिन लगभग 57,000 नल लगाए गए थे. भारत अगले कुछ दिनों में 68 प्रतिशत कवरेज के साथ कुल 13 करोड़ नल कनेक्शन का आंकड़ा पार करने की कगार पर है. वर्ष 2019 में जल जीवन मिशन के तहत केवल 17 प्रतिशत कवरेज के साथ ‘हर घर नल से जल’ योजना शुरू की गई थी. पीएम मोदी ने इसके तहत हर घर को कवर करने के लिए 5 साल का लक्ष्य तय किया था.

योजना के क्रियान्वयन उत्तर प्रदेश शीर्ष पर
इस साल योजना के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर रहा है, जिसने अकेले भारत में 2.16 करोड़ में से 90.12 लाख नए नल कनेक्शन स्थापित किए हैं. राज्य ने 2019 में मिशन की शुरुआत के बाद से 1.5 करोड़ नए कनेक्शन स्थापित करने का ऐतिहासिक आंकड़ा भी पार कर लिया है. पिछले साल, यूपी ने केवल 30.8 लाख नए कनेक्शन स्थापित किए थे, जिससे यह चिंता बढ़ गई थी कि क्या भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य दिए गए समय में मिशन को पूरा करने में सक्षम होगा. क्योंकि 2019 में 2.57 करोड़ घरों को नल से जल का कनेक्शन प्रदान करने का इसका सबसे बड़ा अधूरा काम था. अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लगातार मॉनिटरिंक की वजह से उत्तर प्रदेश में अब तक 60 प्रतिशत कवरेज दर्ज किया गया है.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि असम, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश ने भी अगस्त के अंत तक 55 प्रतिशत कवरेज का आंकड़ा पार करके उल्लेखनीय प्रगति की है. हालांकि, राजस्थान, झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्य संघर्ष कर रहे हैं, इस योजना के तहत उनका कवरेज अब तक क्रमशः 43 प्रतिशत, 41 प्रतिशत और 38 प्रतिशत है. पश्चिम बंगाल में अब भी 1.71 करोड़ घरों में पीने योग्य पानी के लिए नल का कनेक्शन नहीं है और राज्य ने इस साल केवल 11 लाख कनेक्शन दिए हैं. वास्तव में, पश्चिम बंगाल में पांच जिले 26 प्रतिशत कवरेज से नीचे हैं. ये जिले पुरुलिया, पश्चिम मेदिनीपुर, उत्तर दिनाजपुर, दार्जिलिंग और दक्षिण 24 परगना हैं. अधिकारियों का कहना है कि यह केंद्र के लिए चिंता का विषय है.