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सीएम शिवराज सिंह चौहान की तबीयत खराब

भोपाल. मध्य प्रदेश के मुख्यमत्री शिवराज सिंह चौहान की तबीयत खराब हो गई है. उन्हें डॉक्टरों ने आराम करने की सलाह दी है. पिछले दो दिन से सीएम शिवराज के गले में तकलीफ थी. उन्हें खराश और बोलने में परेशानी के कारण डॉक्टर ने वोकल रेस्ट करने को कहा. मुख्यमंत्री ने आज के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए. उनका सोमवार दोपहर बाद विदिशा जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों का संभावित दौरा था.

बता दें, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इससे पहले कोरोना से भी पीड़ित हो चुके हैं. हालांकि, उन्हें कोरोना तब हुआ था जब महामारी की पहली लहर आई थी. कोरोना होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के बाद उनकी छुट्टी हुई थी. कोरोना के बाद जब वैक्सीनेशन अभियान शुरू हुआ तो अपनी बारी आने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके परिवार के सदस्यों ने तय समय पर वैक्सिनेशन कराया था.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार कार्यक्रमों में व्यस्त हैं. एक दिन पहले 15 अगस्त को ही स्वतंत्रता दिवस के मुख्य कार्यक्रम में उन्होंने राजधानी के लाल परेड ग्राउंड पर ध्वजारोहण किया था और जनता के नाम अपना संबोधन दिया था. 15 अगस्त के अगले दिन भी वह सुबह से ही कार्यक्रमों में व्यस्त थे. दोपहर बाद उनका भोपाल से बाहर का दौरा प्रस्तावित था, लेकिन डॉक्टर्स की सलाह पर उन्हें ये कार्यक्रम रद्द करने पड़े.

सोमवार सुबह ही सीएम शिवराज ने भोपाल के शौर्य स्मारक चौराहे के पास पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर उन्हें पुष्प अर्पित किए. पुष्प अर्पित करते समय सीएम ने कहा- अटल जी के बाद विदिशा से मैंने चुनाव लड़ा था. उसके बाद अटल जी ने मेरा नाम विदिशापति रख दिया. मैं जब भी उनसे मिलता था तो वह मुझे विदिशापति ही कहते थे. एक-एक पंक्ति में अटल जी छुपा हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि अटल जी अद्भुत थे. उनके मस्तिष्क में देश की जो कल्पना थी, उसे उन्होंने प्रधानमंत्री बनकर पूरा करने की कोशिश की. हिमालय सा व्यक्तित्व था अटल जी का. राष्ट्रहित के सवाल पर कभी वो न झुके, न दबे. उनके होठों पर मुस्कुराहट तैरती रहती थी.

गौरतलब है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान रविवार तक पूरी तरह स्वस्थ थे. उन्होंने 75वें स्वतंत्रता दिवस में ध्वजारोहण भी किया और परेड की सलामी भी ली थी. इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था- लापरवाही के चलते प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर आई थी. हमें जनभागीदारी से कोरोना का मुकाबला करना है. कोरोना की तीसरे लहर से निपटने के लिए हमारी रणनीति बन गई है. हम युवाओं को हर महीने एक लाख रोजगार देने की कोशिश करेंगे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था- हमारा लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करना है. दिसंबर के अंत तक प्रदेश की पूरी जनता का वैक्सीनेशन हो जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश लगातार आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है.