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सीएम धामी हेलीकॉप्टर न उड़ा तो ट्रैक्टर से बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचे

हल्द्वानी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य के अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय दिखाई दे रहे हैं. लगातार दूसरे दिन पीड़ितों के बीचपहुंचकर उन्होंने राहत और बचाव कार्य का जायजा लिया. तूफानी दौरा कर वह हर उस स्थान पर पहुंच रहे हैं जहां के लोगों पर प्रकृति ने कहरबरपाया है. मंगलवार को जब हल्द्वानी से मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर टेक ऑफ नहीं कर पाया तो वह सड़क मार्ग से ही प्रभावित इलाककलिए निकल पड़े. कई बार उन्हें ट्रैक्टर में बैठकर निरीक्षण करना पड़ा, जिससे अधिकारी सकते में आ गए.

अगले ही साल उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसे देखते हुए सीएम जनता के बीच ही खुद को साबित करने की कोशिश करते दिख रहे हैं. बीते 17 और 18 अक्टूबर को आई मूसलाधार बारिश ने उत्तराखण्ड के कई जिलों में तबाही मचा दी. अतिवृष्टि से अभी तक अब तक कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. प्रभावित इलाकों में युद्धस्तर पर बचाव और राहत कार्य चलाया जा रहा है. सेना के तीन हेलीकॉप्टर भी इस मिशन में जुटे हुए हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं ग्राउण्ड जीरो पर उतर कर बचाव और राहत कार्य की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. बीते मंगलवार को उन्होंने गढ़वाल मण्डल के प्रभावित स्थानों में जाकर अपना दौरा शुरू किया जो अब कुमाऊं मण्डल में जारी है.

सीएम रेस्क्यू अभियान की खुद अगुवाई करते भी देखे गए हैं. इससे पूरे ‘सरकारी सिस्टम’ को राहत के काम में एक्टिव रहना पड़ा है. बुधवार की सुबह हल्द्वानी में उन्होंने ‘जनता दरबार’ लगाया और स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनीं. अधिकांश समस्याओं का ‘एट दि स्पॉट’ समाधान किया गया. अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि आपदा प्रभावित लोगों की हर संभव मद्द की जाए. उनकी समस्या का समाधान किया जाए और आवश्यक जरूरतें पूरी की जाएं. जनता दरबार के बाद मुख्यमंत्री प्रभावित क्षेत्रों के लिए निकले पर हल्द्वानी में उनका हेलीकॉप्टर टेक ऑफ नहीं हो पाया. त्वरित फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री धामी सड़क मार्ग से ही कूच कर गए. मुख्यमंत्री के इस निर्णय से अधिकारी सकते में आ गए. रुद्रपुर, काशीपुर, हल्द्वानी व आसपास के तमाम क्षेत्रों का उन्होंने सघन भ्रमण किया. अपना घरबार व फसल गंवा चुके लोगों से मिलकर उन्हें ढाढस बंधाया. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आपदा से हुए नुकसान का अतिशीघ्र आंकलन पर प्रभावितों को उचित मुआवजा दिया जाए. जो लोग बेघर हो गए हैं उनके आवास और भोजन की व्यवस्था की जाए.