लखनऊ. विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। एक तरफ सरकार को सदन में विपक्ष घेरेगा तो दूसरी तरफ सड़क पर वित्तविहीन शिक्षकों का महासंघ अपनी मांगों के लेकर विधानसभा का घेराव करेगी। इस प्रदर्शन में 1 दर्जन अलग-अलग वित्तविहीन शिक्षक संघ विधानभवन का घेराव करेंगे।क्या हैं मांगें…
– वित्तविहीन शिक्षकों की मांग है कि उन्हें 25 हजार रूपए मेहनताना दिया जाए, जबकि पुरानी पेंशन व्यवस्था भी बहाल किए जाने की भी मांग है।
– शिक्षक नेताओं का कहना है कि पेंशन व्यवस्था बहाल होगी तो हम क्वालिटी वर्क दे सकेंगे।
– शिक्षक नेताओं का कहना है कि पेंशन व्यवस्था बहाल होगी तो हम क्वालिटी वर्क दे सकेंगे।
सरकार 8 से 12 हजार रुपए देने को राजी
– वित्तविहीन शिक्षक को अलग अलग कॉलेज अपने हिसाब से रूपए देकर कॉलेज में रखते हैं।
– इसमें सब्जेक्ट वाइज रुपए देने का प्रावधान है, जिसमें किसी को 2 हजार तो किसी को 5 हजार रुपए दिए जाते रहे हैं।
– पूर्व में सरकार ने तय किया था कि 8 से 12 हजार के बीच फिक्स वेतन इन शिक्षकों को दिया जाएगा।
– इसमें सब्जेक्ट वाइज रुपए देने का प्रावधान है, जिसमें किसी को 2 हजार तो किसी को 5 हजार रुपए दिए जाते रहे हैं।
– पूर्व में सरकार ने तय किया था कि 8 से 12 हजार के बीच फिक्स वेतन इन शिक्षकों को दिया जाएगा।
200 करोड़ का बजट फिर भी नहीं मिल रहा फिक्स वेतन
– यही नहीं सरकार ने इनके लिए 200 करोड़ का बजट भी फिक्स कर दिया है।
– लेकिन, छह महीने बाद भी इस बजट को लेकर क्या नीति बनाई जाए यह तय नहीं हो पाया है।
– शिक्षक नेताओं का आरोप है कि निचले स्तर पर बैठे अधिकारी भ्रस्टाचार में लिप्त होने की वजह से नीतियों को मूर्त रूप नहीं दे रहे हैं।
– लेकिन, छह महीने बाद भी इस बजट को लेकर क्या नीति बनाई जाए यह तय नहीं हो पाया है।
– शिक्षक नेताओं का आरोप है कि निचले स्तर पर बैठे अधिकारी भ्रस्टाचार में लिप्त होने की वजह से नीतियों को मूर्त रूप नहीं दे रहे हैं।
– हालांंकि, शिक्षकों का यह भी कहना है कि 8 हजार या 12 हजार में आज के जमाने में परिवार नहीं पाला जा सकता है।
– इसलिए हमारा वेतन 25 हजार रुपए फिक्स किया जाए।