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शाह-आनंदीबेन में बहस के बाद मोदी ने दिया फॉर्मूला: Inside Story: नितिन दिनभर मिठाई खिलाते रहे, शाम को रूपाणी गुजरात के CM चुने गए

अहमदाबाद.गुजरात में शुक्रवार को बेहद नाटकीय घटनाक्रम में नए मुख्यमंत्री के नाम का एलान कर दिया गया। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विजय रूपाणी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल उनके डिप्टी होंगे। मोदी के पीएम बनने के बाद तीन साल में रूपाणी (60) तीसरे सीएम होंगे। हालांकि, इससे पहले नितिन का नाम मुख्यमंत्री के लिए तय हो चुका था। उनके घर पर विशेष पूजा हो चुकी थी। मिठाइयां भी बांट दी गई थीं। शाम चार बजे अचानक बदले हालात…
– अपना नाम तय होने की खबर मिलने पर नितिन अपने सीएम एजेंडे पर मीडिया में इंटरव्यू भी दे रहे थे। पर शाम चार बजे के बाद एकाएक हालात बदले।
– दो घंटे बाद रूपाणी के नाम की घोषणा हो गई। रूपाणी बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह की पसंद बताए जा रहे हैं। जबकि सीएम पद से इस्तीफा दे चुकीं आनंदीबेन नितिन पटेल के लिए जोर लगा रही थीं।
– विधायक दल की बैठक चार बजे बुलाई गई थी। पर मीटिंग दो घंटे देर से शुरू हुई। इससे पहले बड़े नेताओं की अलग बैठक हुई और उसमें नाम तय कर दिया गया। बाद में विधायक दल ने भी इस पर मुहर लगा दी।
ऐसे 2 घंटे में तय हुअा रूपाणी का नाम
– शाम चार बजे अमित शाह, आनंदीबेन, नितिन गडकरी, पार्टी महासचिव सरोज पांडेय, प्रदेश प्रभारी दिनेश शर्मा और संयुक्त संगठन महासचिव वी. सतीश की बैठक शुरू हुई।
– इसमें शाह और आनंदीबेन के बीच तल्ख बहस हुई। शाह नितिन के नाम पर राजी नहीं थे।
– इससे झल्लाईं आनंदीबेन ने शाह पर अपनी सरकार को अस्थिर करने का आरोप जड़ दिया। कहा- “पाटीदार आंदोलन की योजना इसीलिए बनाई गई।”
– इस बीच, वी. सतीश ने बाहर आकर नरेंद्र मोदी से बात की। इसके बाद नितिन पटेल को उप मुख्यमंत्री बनाने का फॉर्मूला सामने आया।
रूपाणी इमरजेंसी में जेल जा चुके हैं
– 60 साल के रूपाणी का जन्म रंगून में हुआ था। तब उनके पिता वहां कारोबार करते थे। 1960 में वे फैमिली के साथ राजकोट आ गए थे। जैन समुदाय के विजय रूपाणी गुजरात के 16वें मुख्यमंत्री होंगे।
– 1980 में बीजेपी ज्वाइन करने से पहले इमरजेंसी के दौरान रूपाणी मीसा के तहत जेल में भी रहे।
– प्रदेश बीजेपी प्रेसिडेंट रूपाणी काफी आक्रामक नेता माने जाते हैं। वे आनंदीबेन सरकार में ट्रांसपोर्ट, वाटर सप्लाई, श्रम और रोजगार विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे हैं।
– उन्हें नरेंद्र मोदी और अमित शाह का करीबी माना जाता है। उन्हें बीजेपी संगठन में काम करने का लंबा एक्सपीरियंस है, लगातार चार बार वो प्रदेश बीजेपी के जनरल सेक्रेटरी रहे।
– रुपाणी का जन्म 2 अगस्त को 1956 में म्यांमार में हुआ था।
मोदी के 3 संकेत
1.
गुजरात में ‘पटेल फैक्टर’ के बजाय ‘मोदी फैक्टर’ पर ही अगला चुनाव लड़ा जाएगा।
2.मोदी खुद को किसी जातीय दबाव में झुका हुआ दिखना नहीं पसंद करते।
3. जो तेज चलेगा, खुद को बेस्ट मानेगा, वो पीछे रहेगा।