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वैक्‍सीन देने के बाद भी विज को हुआ कोरोना

नई दिल्‍ली। हरियाणा के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री अनिल विज को कोरोना वैक्‍सीन देने के बाद वायरस के संक्रमण पर स्वास्थ्य मंत्रालय और कंपनी दोनों ने स्पष्टीकरण दिया है। मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के बाद ही मानव शरीर में संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी का निर्माण होता है। यह दो खुराक वाला वैक्सीन है और मंत्री ने वैक्सीन की केवल एक ही खुराक ली है।

हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित वैक्सीन कोवैक्सिन, वर्तमान में देश में उम्मीदवारों के बीच सबसे अधिक आशाजनक है। भारत बायोटेक ने हाल ही में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ साझेदारी में 25 जगहों पर 26,000 लोगों को कोवैक्सिन के चरण 3 परीक्षण में शामिल किया है। यह भारत में कोविड-19 वैक्सीन के लिए आयोजित सबसे बड़ा परीक्षण है।

कंपनी ने शनिवार को एक बयान में कहा, ‘COVAXIN के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वेरो सेल मैन्युफैक्चरिंग प्लेटफॉर्म ने अब तक 300 मिलियन से अधिक खुराक दी है। टीके के विकास में सुरक्षा हमारा प्राथमिक मापदंड है। निष्क्रिय वैक्सीन तकनीक ने पिछले कई दशकों से सबसे सुरक्षित रूप में टीके लगाए हैं।”

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के कोरोना (कोविड-19) पॉजिटिव आने के बाद कंपनी ने यह बयान दिया। विज को अस्पताल में भर्ती कराया गया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता विज को 20 नवंबर को हरियाणा में शुरू होने वाले कोवैक्सिन के तीसरे चरण के परीक्षण में शामिल किया गया था। उन्हें एक परीक्षण खुराक दी गई थी।

विज ने कहा कि दूसरी खुराक के बाद एंटीबॉडी विकसित होने लगती हैं, जोकि पहला टीका लगने के 28 दिन बाद दी जाती है और इस अवधि के दौरान कोई सुरक्षा नहीं है। उन्‍होंने कहा, “मुझे बताया गया था कि दूसरी खुराक के बाद एंटीबॉडी विकसित होने लगती हैं, जिसे पहला टीका लगने के 28 दिनों के बाद दिया जाता है। दूसरी खुराक दिए जाने के 14 दिन बाद पूर्ण एंटीबॉडी विकसित की जाती हैं। इसलिए पूरा चक्र 42 दिनों का होता है।”