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वाराणसी में गंगा और वरुणा के कहर से प्रधानमंत्री मोदी चिंतित, डीएम से जाना हालात

 

वाराणसी । वाराणसी में गंगा की रौद्र लहरों की विभीषिका झेल रहे नागरिकों की पीड़ा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक पहुंची है। अपने संसदीय क्षेत्र में भारी बारिश और बाढ़ के उच्चतम बिंदु की ओर तेजी से बढ़ने की जानकारी पर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा को फोन कर हालत की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने जिलाधिकारी को बाढ़ के हालात से निपटने के लिए हरसंभव मदद का भरोसा दिया। प्रधानमंत्री ने हालात और व्यवस्थाओं पर भी बातचीत की।

जिलाधिकारी ने रेस्क्यू ऑपरेशन और राहत एवं बचाव कार्य के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने बाढ़ से प्रभावित इलाकों के नागरिकों की सुरक्षा के लिए दिशा निर्देश देकर उनके सुरक्षा की कामना की। बनारस में बाढ़ के भयावह रूप को देख प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को हालात का जायजा लेने शहर में आ रहे है। गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ाव और बारिश से जनजीवन ठहर सा गया है। गंगा और वरुणा नदी के तटवर्ती क्षेत्रों के साथ शहर के अन्य हिस्सों में भी बाढ़ का पानी पहुंच गया है। इसका दायरा भी बढ़ने लगा है। शहर की सड़कों और गलियों में आने-जाने के लिए नाव ही सहारा बन गई है। गलियों में नाव के जरिये ही राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।

बुधवार सुबह 10 बजे तक गंगा का जलस्तर 72.04 मीटर दर्ज किया गया। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा हैं । वाराणसी में बाढ़ का उच्चतम बिंदु 73.901 मीटर है। संभावना है कि गंगा में बढ़ाव का क्रम ऐसे ही बना रहा तो गुरुवार देर रात तक गंगा की लहरें उच्चतम बिंदु 73.901 मीटर को भी पार कर जायेगी। गंगा के जलस्तर में वृद्धि से सामने घाट की सड़कों पर नाव चलने लगी हैं। दशाश्वमेध घाट से गोदौलिया की ओर पानी बढ़ चला है। मणिकर्णिका घाट पर गलियों में पानी भर गया है। शव घाट तक नावों से ले जाए जा रहे हैं। मंदिर के छत पर शवदाह हो रहा है। गंगा किनारे ढ़ाब क्षेत्र के नागरिक भी बाढ़ से बेहाल है।

गंगा में आई बाढ़ से बेटावर, रमना, नैपुराकलां, नैपुरा खुर्द, टिकरी, डोमरी, सूजाबाद, मुस्तफाबाद, चांदपुर, छितौनी, तातेपुर, राजापुर, कोटवां, सेहवार, शिवदशा, बर्थरा, गंगापुर, देवरिया, धराधर, रामपुर, गोबरहां, रामचंदीपुर, अजगरा, इमलियां, लूठकलां, मोकलपुर, छितौनी, गौरा, पिपरी, डूडवा, कमौली, लूठाखुर्द, बर्थराकलां, कैथी, शहंशाहपुर, करसड़ा, परसूपुर, माधोपुर, जमुनीपुर, तिलंगा और मरूई आदि शामिल हैं। वहीं, शहर का चौकाघाट, सरैयां,, सलारपुर, सिकरौल, कोनिया, नक्खीघट, हुकुलगंज, काशीपुरम, दनियालपुर, अमरपुर, घौसाबाद, नगवां, शिवगंगा, भगवानापुर, सीरगोवर्धनपुर, सिवराज नगर और डाफी प्रभावित हैं।

उधर, गंगा के पलट प्रवास से वरुणा नदी के तटवर्ती क्षेत्र में जल प्रलय से नागरिक बेहाल हैं। वरुणा के किनारे स्थित मोहल्ला पुराना पुल, सरैंया, पुलकोहना, शैलपुत्री, लक्खीघाट, ढेलवरिया, चौकाघाट, हुकुलगंज, वरुणा पुल,नई बस्ती आदि इलाके में पानी भर गया है। नरोखर नाले में वरुणा नदी का पानी भरने से दो किलोमीटर दूरी तक के इलाके में भी कमर भर पानी लग गया है। सोनातालाब इलाके की गलियों व सड़कों पर नाला का पानी भर गया है। जिला प्रशासन के अफसरों के अनुसार गंगा और वरुणा की बाढ़ से 41 गांव व शहर के 17 मोहल्ले घिर गये हैं। इनमें रहने वाले 30 हजार 921 लोग प्रभावित हुए हैं। इनके लिए शहर से लेकर गांव तक 21 बाढ़ चौकियां व राहत शिविर बनाये गये हैं। वहां दो हजार, 848 लोगों ने शरण ली है।