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वज्रासन करने से मिलता है लाभ

 

योगा सेशन : शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए आप छोटे-छोटे अभ्यासों को कर सकते हैं. किसी भी बड़े योगाभ्यास को करने से पहले सूक्ष्म अभ्यासों को करना बहुत जरूरी है. रोज योग करने से सेहत को फायदा मिलता है. ये शरीर की क्षमता और लचीलापन भी बढ़ता है.
कपालभाति
कपालभाति बहुत ऊर्जावान उच्च उदर श्वास व्यायाम है. कपाल अर्थात मस्तिष्क और भाति यानी स्वच्छता अर्थात ‘कपालभाति’ वह प्राणायाम है जिससे मस्तिष्क स्वच्छ होता है और इस स्थिति में मस्तिष्क की कार्यप्रणाली सुचारु रूप से संचालित होती है. वैसे इस प्राणायाम के अन्य लाभ भी हैं. लीवर किडनी और गैस की समस्या के लिए बहुत लाभ कारी है. कपालभाति प्राणायाम करने के लिए रीढ़ को सीधा रखते हुए किसी भी ध्यानात्मक आसन, सुखासन या फिर कुर्सी पर बैठें. इसके बाद तेजी से नाक के दोनों छिद्रों से सांस को यथासंभव बाहर फेंकें. साथ ही पेट को भी यथासंभव अंदर की ओर संकुचित करें. इसके तुरंत बाद नाक के दोनों छिद्रों से सांस को अंदर खीचतें हैं और पेट को यथासम्भव बाहर आने देते हैं. इस क्रिया को शक्ति व आवश्यकतानुसार करें.

अगर आपके पेट में दर्द है, गैस या एसिटिडी की समस्या है तो इसे न करें. महिलाएं पीरियड्स के दौरान इसे बिल्कुल न करें. हाई बीपी और हार्ट संबंधी रोगों के मरीज भी इसे करने से बचें. इसके बाद जानते हैं वज्रासन करने का तरीका.

वज्रासन
वज्रासन करने से शरीर मजबूत और स्थिर बनता है. इस आसन को खाना खाने के बाद भी कर सकते हैं. इसे करने से शरीर में रक्त-संचार सही ढंग से होता है, पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं. साथ ही गैस और कब्ज की समस्या भी दूर होती है. महिलाएं इसे मासिक धर्म के दौरान भी कर सकती हैं. इस आसन के लिए जमीन पर घुटनों के बल बैठ जाएं, इसके बाद अपने पैरों को आगे की तरह से मिलाएं और एड़ियों को अलग रखें. इसके बाद अपने नितंबो को पैरों के तलवों पर टिकाएं और अपने हाथ घुटनों पर रखें. अपनी पीठ को सीधा रखें.

ध्यान रहे कि योगाभ्यास अपनी क्षमता अनुसार ही करना है. इस दौरान श्वास-प्रश्वास और व्यायाम से जुड़े विशेष नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है. इसी के साथ सही मात्रा में सही पोषण लेना भी आवश्यक है. आप सूक्ष्म व्यायाम के जरिए ही आसानी से अपनी सेहत का ख्याल रख सकते हैं. साथ ही बड़े आसनों के लिए अपने शरीर को तैयार भी कर सकते हैं.