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यूरोपीय कंपनी की हरी झंडी के बाद शुरू होगा संचालन 

 
कानपुर। कानपुर मेट्रो तेजी से अपने सभी चरणों को पूरा कर रही है। रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) की जांच में कानपुर मेट्रो बिल्कुल फिट है। मेट्रो अधिकारियों के मुताबिक आरडीएसओ 1 हफ्ते में जांच रिपोर्ट यूपीएमआरसी को सौंप देगा। इसके बाद सिग्नलिंग की थर्ड पार्टी जांच कराई जानी है।
कानपुर मेट्रो का संचालन पूरी तरह सिग्नल पर बेस्ड होगा। इसकी थर्ड पार्टी जांच के लिए यूरोपीय कंपनी रीना की टीम दिसंबर तक आएगी। इसकी रिपोर्ट के बाद ही मेट्रो के संचालन को हरी झंडी मिलेगी। आरडीएसओ की रिपोर्ट के बाद कमिश्नर ऑफ मेट्रो रेलवे सेफ्टी को रिपोर्ट भेज दी जाएगी। रेलवे सेफ्टी की टीम के बाद मेट्रो के संचालन को पब्लिक के लिए शुरू किया जा सकेगा।
6 जोड़ी ट्रेनें चलेंगी
मंगलवार को तीसरी मेट्रो ट्रेन के तीनों कोच कानपुर पहुंच गए। सोमवार देर रात ही तीनों ट्रेलर सचेंडी तक पहुंच गए थे। ट्रैफिक कम होने पर ट्रेलर भौंती, बर्रा, नौबस्ता बाईपास यशोदा नगर, टाटमिल चौराहा होते हुए डिपो लाए गए। वहीं चौथी ट्रेन के कोच भी गुजरात के सांवली प्लांट से रवाना हो चुके हैं। आईआईटी से मोतीझील के प्रॉयोरिटी कॉरिडोर में 6 जोड़ी ट्रेनें चलेंगी। जबकि अतिरिक्त 2 ट्रेनें बैकअप में रहेंगी।
अंडरग्राउंड स्टेशन का काम भी शुरू
ट्रांसपोर्ट नगर से नौबस्ता तक एलिवेटेड मेट्रो रूट के टेंडर फिलहाल नहीं हो सके हैं। यूपीएमआरसी ने अब 7 से 14 सितंबर तक टेंडर आमंत्रित किए हैं। मेट्रो कॉरिडोर के पहले चरण में आईआईटी से मोतीझील तक एलिवेटेड ट्रैक पूरा कर लिया है। मोती झील से बृजेंद्र स्वरूप पार्क तक का काम अंतिम चरण में है। इसी कॉरिडोर के दूसरे चरण में चुन्नी गंज होते हुए नरोना चौराहा तक अंडरग्राउंड मेट्रो के लिए निर्माण शुरू हो गया है।