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Condition Of Congress Party In Uttar Pradesh
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यूपी कांग्रेस में कार्यकर्ता कम व नेता ज्यादा होना नए प्रदेश अध्यक्ष की मुख्य चुनौती

कांग्रेस हाईकमान ने यूपी में संगठन की कमान अपेक्षाकृत युवा टीम को सौंप तो दी है, पर इतने भर से चुनौतियों से पार नहीं पाया जा सकता। नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के लिए मुख्य चुनौती पार्टी में कार्यकर्ताओं का कम और नेताओं का ज्यादा होना है। स्थिति यह है कि किसी भी कार्यक्रम में मंच पर बैठने की तो होड़ मची रहती है, लेकिन कुर्सी-दरी लगाने में कोई रुचि नहीं लेता।अंबेडकरनगर के पुराने कांग्रेसी अम्बिका बताते हैं कि बूथ, वार्ड और ग्राम स्तर पर संगठन नहीं है। इसलिए पार्टी में गंभीर युवा काडर के आने का सिलसिला एकदम थम गया है। कॉलेजों व विश्वविद्यालयों से कुछ छात्र जरूर आ रहे हैं, पर उनका ध्येय झटपट नेता बनना होता है। वे न तो कांग्रेस की नीति समझते हैं और न ही धैर्य के साथ उन्हें नीति समझाने का प्रयास किया जाता है।

दूसरे नेताओं के स्टारडम का शिकार होकर वे उसी का अनुसरण करने का प्रयास करते हैं। नतीजतन न तो समाज का और न ही पार्टी का भला कर पाते हैं। खुद भी राजनीति में कोई ठोस मुकाम हासिल नहीं कर पाते।

पुराने नेता ही नहीं चाहते कि जुझारू कार्यकर्ता पार्टी से जुड़े

प्रदेश सरकार में मंत्री रहे एक कांग्रेसी नेता नाम न छापने के अनुरोध पर कहते हैं कि पार्टी में नेताओं की कमी नहीं है, पर आज जरूरत उनकी नहीं, कार्यकर्ताओं की है, जो पार्टी को खड़ा करने के लिए संघर्ष का जोखिम उठाने को तैयार हो। लेकिन, पुराने नेताओं को लगता है कि अगर जुझारू कार्यकर्ता अपनी जगह बना लेगा तो भविष्य में पार्टी के सत्ता में आने पर उनकी पोजीशन के लिए खतरा बन जाएगा।

ये पुराने नेता पार्टी को कार्यकर्ता आधारित बनाने के बजाय चंद मैनेजरों के माध्यम से चलाना ज्यादा मुफीद मानते हैं। इसी का परिणाम है कि यूपी में कांग्रेस बरसों से खड़ी नहीं हो पा रही है।

हवा-हवाई दौरों से नहीं, ठोस योजना से बदलेगी तस्वीर

समर्पित कांग्रेसियों का मानना है कि नवनियुक्त अध्यक्ष या उनकी टीम के हवा-हवाई दौरों से काम नहीं चलेगा। प्रत्येक जिले व शहर में मजबूत टीम बनानी होगी। उसके माध्यम से बूथ, वार्ड और ग्राम स्तर तक पहुंचना होगा।

जब तक नौकरीपेशा लोगों, व्यापारियों, विद्यार्थियों, महिलाओं और शिक्षित वर्ग तक कांग्रेस का साहित्य नहीं पहुंचेगा, तब तक पार्टी का पुनरुद्धार नहीं हो सकता।

बेरोजगार युवा रैली में भीड़ बढ़ाने के काम तो आ सकता है, पर पार्टी के पुनरुद्धार के लिए नौकरीपेशा, व्यापारियों और सामाजिक जीवन में मुकाम हासिल कर चुके शिक्षित वर्ग का साथ आना जरूरी है। इन वर्गों के लोग ही उस प्रेरणा का स्रोत बन सकते हैं, जिससे आम मतदाता कांग्रेस की ओर आकर्षित हो।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का कहना है क यूपी में पार्टी को स्थापित करने के लिए नए-नए प्रयोग किए जाएंगे। इन प्रयोगों के बल पर वर्ष 2022 के चुनावों में कांग्रेस आशातीत सफलता हासिल करेगी।