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मोदी ने रखी नए संसद भवन की नींव

नई दिल्ली, एजेंसियां। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की आधारशिला रखी। इस बाद उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी, तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा। पुराने संसद भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ, तो नए भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि आज एक ऐतिहासिक दिन है। नई संसद भवन की नींव रखी जा चुकी है। हम भारत के लोग मिलकर संसद के इस नए भवन का निर्माण करेंगे। यह 130 करोड़ से अधिक भारतीयों के लिए गर्व का दिन है जब हम इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बन रहे हैं। नया संसद भवन समय और जरूरतों के अनुसार स्वयं के भीतर परिवर्तन करने का प्रयास है।

निर्माण अक्टूबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य

नए संसद भवन का निर्माण अक्टूबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर नए भवन में संसद सत्र आयोजित किया जा सके। नए संसद भवन में लोकसभा वर्तमान के मुकाबले तीन गुना बड़ा होगा। राज्यसभा का आकार भी बढ़ेगा। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड 64,500 वर्ग मीटर के कुल क्षेत्र में नए संसद भवन का निर्माण करेगा। डिजाइन एचसीपी डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है।

पीएम मोदी ने इस दौरान यह भी कहा, ‘मैं अपने जीवन में वो क्षण कभी नहीं भूल सकता जब 2014 में पहली बार एक सांसद के तौर पर मुझे संसद भवन में आने का अवसर मिला था। तब लोकतंत्र के इस मंदिर में कदम रखने से पहले, मैंने सिर झुकाकर, माथा टेककर लोकतंत्र के इस मंदिर को नमन किया था।’

पीएम मोदी ने कहा कि हम भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के इस नए भवन को बनाएंगे और इससे सुंदर क्या होगा, इससे पवित्र क्या होगा कि जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मनाए, तो उस पर्व की साक्षात प्रेरणा, हमारी संसद की नई इमारत बने।

न के शिलान्यास समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र एक संस्कृति है। लोकतंत्र एक जीवन मूल्य, जीवन जीने का तरीका और भारत के लिए राष्ट्र के जीवन की आत्मा है। भारत का लोकतंत्र सदियों के अनुभव के साथ विकसित एक प्रणाली है। भारत के लोकतंत्र में समाई शक्ति ही देश के विकास को नई ऊर्जा दे रही है, देशवासियों को नया विश्वास दे रही है। भारत में लोकतंत्र नित्य नूतन हो रहा है। भारत में हम हर चुनाव के साथ वोटर टर्नआउट को बढ़ते हुए देख रहे हैं।

पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि हमें याद रखना है कि वो लोकतंत्र जो संसद भवन के अस्तित्व का आधार है, उसके प्रति आशावाद को जगाए रखना हम सभी का दायित्व है। हमें ये हमेशा याद रखना है कि संसद पहुंचा हर प्रतिनिधि जवाबदेह है। ये जवाबदेही जनता के प्रति भी है और संविधान के प्रति भी है। भारत की एकता-अखंडता को लेकर किए गए प्रयास, इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की ऊर्जा बनेंगे। जब एक एक जनप्रतिनिधि, अपना ज्ञान, बुद्धि, शिक्षा, अपना अनुभव पूर्ण रूप से यहां निचोड़ देगा, उसका अभिषेक करेगा, तब इस नए संसद भवन की प्राण-प्रतिष्ठा होगी।

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के समय एक लोकतांत्रिक देश के रूप में भारत के अस्तित्व पर संदेह जताया गया था। अशिक्षा, गरिबी, सामाजिक विविधता सहित कई तर्कों के साथ ये भविष्यवाणी की गई थी कि भारत में लोकतंत्र असफल हो जाएगा।

पीएम मोदी ने कहा कि पॉलिसी अलग हो सकती है। पॉलिटिक्स अलग हो सकती है, लेकिन जनता की सेवा के लिए लक्ष्य में कोई मतभेद नहीं होना चाहिए। वाद-संवाद संसद के भीतर हो या बाहर, राष्ट्रसेवा का संकल्प, राष्ट्रहित के प्रति समर्पण लगातार झलकना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया में 13वीं शताब्दी में मैग्राकार्टा से पहले ही 12 शताब्दी में भगवान बसेश्वर ने लोकसंसद की शुरुआत कर दी थी। दसवीं शताब्दी में तमिलनाडु के एक गांव में पंचायत व्यवस्था का वर्णन है। उस गांव में आज भी वैसे ही महासभा लगती है, जो एक हजार साल से जारी है। तब भी नियम था कि अगर कोई प्रतिनिधि अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देगा तो वो और उसके करीबी रिश्तेदार चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

नए भवन की आधारशिला रखने के बाद सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि नए संसद भवन में कई नई चीजें की जा रही हैं, जिससे सांसदों की दक्षता बढ़ेगी क्योंकि कार्य संस्कृति आधुनिक तरीकों को शामिल किया जाएगा।

इससे पहले हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पिछले 6 वर्षों में पीएम मोदी ने हमारे गौरवशाली इतिहास के समावेश के साथ एक आधुनिक, मजबूत, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत की नींव रखी है। इसके मद्देनजर आज एक बहुत महत्वपूर्ण दिन है। नए संसद भवन का निर्माण वर्ष 2022 तक पूरा करेंगे जिससे 2022 के संसद का शीतकालीन सत्र नए भवन में ही हो वर्ष 2022 का विशेष महत्व है क्योंकि इस वर्ष हमारे देश के स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ होगी।

इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन रतन टाटा और कई देशों के राजदूत मौजूद रहे।इस मौके पर सर्धवर्म प्रार्थना का भी आयोजन हुआ। विभिन्न धर्मों के घर्मगुरुओं ने प्रर्थना की।

शहरी मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, नया संसद भवन 2022 में आजादी के 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर नए भारत की संवेदनाओं और आकांक्षाओं के अनुरूप तैयार होगा। नए संसद भवन को अगले सौ वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया जाएगा, ताकि भविष्य में सांसदों की संख्या बढ़ाने में कोई कठिनाई न हो। मंत्रालय के अनुसार, नया संसद भवन सौर ऊर्जा तंत्र जैसे अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं से लैस होगा। मौजूदा संसद भवन से सटे नया संसद भवन को अत्याधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से लैस होगा।

डिजाइन प्लान में एक संविधान हॉल शामिल है जो आम जनता के लिए खुला होगा। इसके अलावा नए भवन में संसद के सदस्यों के लिए लाउंज, पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र, पार्किंग स्थान, आरामदायक बैठने की व्यवस्था और आपातकालीन निकासी की व्यवस्था होगी। यह इमारत भूकंपरोधी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नए संसद भवन का भूमि पूजन करेंगे।