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मांगी गई NIA की मदद, गोरखपुर में इंटरनेट कॉल से आई बम ब्लास्ट की धमकी

गोरखपुर. शुक्रवार को यहां चौरीचौरा पुलिस स्टेशन में आई बस में बॉम्ब होने की खबर से सनसनी मच गई। यह धमकी थानेदार के सीयूजी मोबाइल पर दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस अलर्ट हो गई और बम निरोधी दस्ते व एंटी सेवोटाज की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी। कई दिनों से मिल रही है धमकी…
– इंटरनेट कॉल से गोरखपुर में ब्लास्ट कराने की लगातार धमकियां मिल रही हैं।
– जिले की पुलिस इस इंटरनेट कॉल को ट्रेस नहीं कर पा रही है।
इंटरनेट कॉल से आई धमकी
– चौरीचौरा के थानेदार के सीयूजी नंबर 9454403507 पर शुक्रवार को किसी ने इंटरनेट से कॉल किया।
– कॉल करने वाले ने सूचना दी कि कैंट थाने के सामने खड़ी पीली रंग की बस में बम रखा गया है और वह कभी भी ब्लास्ट हो सकता है।
– थानेदार की सूचना पर इंस्पेक्टर कैंट राजीव सिंह ने बम निरोधी दस्ते के साथ जांच की।
– जांच के दौरान कैंट थाने के सामने खड़े वाहनों में कोई भी संदिग्ध वस्तु या विस्फोटक नहीं मिला।
25 स्थानों पर सीरियल ब्लास्ट करने की आई थी सूचना
– गत 28 मार्च को एसपी सिटी सहित कई पुलिस ऑफिसर्स के पास इंटरनेट कॉल आई था कि 25 जगहों पर सीरियल ब्लास्ट के लिए बम प्लांट कर दिया गया है।
– 26 मार्च को गोरखनाथ मंदिर में बम रखे जाने की सूचना दी गई। – इसके पूर्व 3 मार्च को दिल्ली से गोरखपुर आने वाली जेट ऐयरवेज को उड़ाए जाने की धमकी दी गई थी। – पुलिस अभी भी कॉल करने वाले को ट्रेस नहीं कर सकी है।
SSP ने NIA से जांच कराने को आईजी को लिखा है पत्र
– इंटरनेट कॉल कर गोरखपुर में बम ब्लास्ट कराने की सूचना देने वाले तक पहुंचने के लिए जनपद पुलिस, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की मदद लेगी।
– इस सिलसिले में एसएसपी अनंत देव ने आईजी हरिराम शर्मा को पत्र लिखा है, जिसके लिए उन्हें परमिशन मिल गई है।
– जांच में पुलिस की मदद करने के लिए आईजी ने एनआईए के अधिकारियों को चिट्ठी भी लिखी है।
आसान नहीं है इंटरनेट कॉलर का पता लगाना
– इंटरनेट से कॉल करने पर 3-4 अंकों को फेक नंबर जनरेट होता है।
– फोन रिसीव करने वाले के मोबाइल पर यही नंबर डिस्प्ले होता है।
– इस नंबर के आधार पर फोन करने वाले का पता लगाना बेहद मुश्किल है।
– हाल के दिनों में विस्फोट की सूचना देने के लिए आए सभी फोन इंटरनेट से ही किए गए हैं।
– इन मामलों में मुकदमा भी दर्ज है लेकिन जांच में जुटी पुलिस की समझ में ही नहीं आ रहा है कि कॉलर का पता लगाने की शुरुआत कहां से करे।
डीआईजी के ऑब्सरवेशन में होगी जांच
– धमकी भरे फोन आने की जांच डीआईजी के ऑब्सरवेशन में होगी।
– आईजी ने डीआईजी को पत्र लिख कर इस संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश दिया है।
– साथ ही एनआईए के अधिकारियों से तालमेल स्थापित करने को भी कहा है।
– मामले की जांच में एनआईए से मदद लेने के संबंध में एसएसपी को लिखे गए पत्र में भी आईजी ने उनको भी अपने स्तर से जांच एजेंसी के अधिकारियों से संपर्क करने का आदेश दिया है।
2007 में भी मिली थीं ऐसी धमकियां, हुए थे सीरियल ब्लास्ट
– बता दें कि मई 2007 में भी गोरखपुर में तीन सीरियल ब्लास्ट हुए थे।
– ब्लास्ट से पहले स्थानीय पुलिस को ऐसी ही धमकियां और सूचनाएं मिल रही थीं।