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महोबा जाने पर सस्‍पेंस बरकरार, पानी एक्‍सप्रेस’ के रवानगी की तैयारी

झांसी.केंद्र और यूपी सरकार के बीच ‘पानी एक्सप्रेस’ को लेकर छिड़ी जंग के बीच शुक्रवार सुबह इसे भरने का काम शुरू हो गया। इसके रवानगी की तैयारी की जा रही है। रेलवे यार्ड से इसे झांसी स्टेशन लाया गया। वहां प्लेटफॉर्म नं.-6 पर खड़ा किया गया। कई टैंकर भरने के बाद पानी खत्म होने पर इसे प्लेटफॉर्म नं.-8 पर ले जाकर वहां पानी भरा गया। हालांकि‍ ये ट्रेन कहां जाएगी ट्रेन इस पर सस्‍पेंस बरकरार है। अधि‍कारि‍यों में गुटबाजी…

– यहां पानी भर रहे कर्मचारियों का कहना है कि उनसे कहा गया कि ट्रेन में पानी भरकर महोबा भेजना है।
– वहीं अधिकारि‍यों ने इससे इनकार किया है।
– डीसीएम और जनसंपर्क अधिकारी गिरीश कंचन ने कहा कि पानी लेकर यह ट्रेन कहां जाएगी, नहीं पता। जहां जरूरत होगी वहां भेजा जाएगा।
अधि‍कारि‍यों ने और क्‍या कहा…
– एडीआरएम विनीत सिंह गुरुवार को दिनभर कहते रहे कि पानी एक्सप्रेस महोबा जाने के लिए आई है।
– उन्होंने महोबा डीएम से संपर्क किया, लेकिन महोबा प्रशासन ने पानी लेने से इनकार कर दिया।
– रेलवे मंडल के जनसंपर्क अधिकारी गिरीश कंचन ने भी कहा कि‍ टैंकर महोबा के लिए हैं, लेकिन खाली टैंकर आए हैं।
– अब रेलवे के अधि‍कारि‍यों का कहना है कि‍ ये टैंकर मरम्‍मत के लि‍ए कारखाना आए हैं।
कारखाना के अधि‍कारि‍यों ने कि‍या इनकार
– गुरुवार रात टैंकर मरम्‍मत के बारे में रेलवे कारखाना के अधिकारियों से पूछा गया।
– उन्‍होंने साफ इनकार कर दिया कि उनके यहां कोई टैंकर मरम्मत के लिए आया है।
– मुख्य रेल कारखाना प्रबंधक अतुल्य सिन्हा ने कहा कि ऐसा हो ही नहीं सकता।
– जो टैंकर्स रतलाम से यहां भेजे गए हैं, उनकी मरम्मत की निर्धारित तिथि 2022 है।
– इससे पहले इनकी मरम्मत नहीं की जा सकती है।
सीएम ने केंद्र से मांगी मदद, उमा ने जताई नाराजगी
– सीएम अखिलेश यादव ने जलाशयों से पानी लोगों तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार से 10 हजार टैंकर्स की मांग की है।
– उन्‍होंने कहा है कि‍ बुंदेलखंड में 5,786 नए इंडि‍या मार्का-2 हैंडपम्पों की स्थापना के लिए 40 करोड़ रुपए जारी कि‍या गया है।
– साथ ही 440 वाटर टैंकर की खरीद के लिए 9.94 करोड़ रुपए भी जारी किए गए हैं।
– वहीँ, केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने भी सीएम को पत्र लिखा है।
– सीएम को लि‍खे पत्र में उन्होंने ‘पानी एक्सप्रेस’ को स्वीकार नहीं करने पर नाराजगी जताई है।
वाटर ट्रेन पर भड़के शिवपाल यादव
– यूपी के सिंचाई मंत्री शिवपाल यादव भी वाटर ट्रेन को लेकर भड़के हुए हैं।
– उन्होंने कहा हमारे यहां लातूर जैसे हालात नहीं हैं।
– हमारे यहां पानी की तो व्यवस्था है लेकिन पानी जमा करने की व्यवस्था नहीं है।
– उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में किसी को भूख से मरने नहीं दिया जाएगा अगर अधिकारि‍यों ने लापरवाही की तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य सचिव ने कहा बुंदेलखंड में बहुत है पानी
– यूपी के मुख्य सचिव ने कहा कि बुंदेलखंड में पर्याप्त पानी है।
– ऐसे में हमें किसी दूसरे राज्य से या केंद्र से पानी लेने की कोई जरूरत नहीं है।
– बुधवार को हुई मीटिंग में भी ऐसा कोई फैसला नहीं हुआ कि केंद्र सरकार वाटर ट्रेन भेजे।
इस तरह होती है टैंकर की सफाई
– जानकार बताते हैं कि‍ टैंकर हमेशा ऑइल और मिल्क के लिए ही बनता है।
– कहीं आपदा की स्थिति में इनका इस्तेमाल अन्य कामों के लि‍ए किया जाता है।
– टैंकर में अगर ऑयल होता है तो सबसे पहले इसकी भाप से धुलाई होती है।
– सूखने के बाद इसकी केमिकल से धुलाई होती है। यह धुलाई कई बार होती है।
– इसके बाद इसमें भरे गए पानी को बीकर में भरकर जांच के लि‍ए लैब में लाया जाता है।
– अगर पानी में कि‍सी केमिकल का पता चलता है तो टैंकर की फिर से धुलाई होती है।
– रतलाम से चलकर झांसी आई यह ट्रेन भी इस लंबे प्रोसेस से गुजर कर आई है।
– इसके बावजूद यह ट्रेन तमाशा बनकर रेलवे यार्ड में खड़ी है।