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भीषण ठंड में ट्रैक पर डटे किसान, 84 ट्रेनें रद्द

चंडीगढ़। ठंड में किसान रात भर ट्रैक पर डटे रहे। किसानों ने जालंधर-अमृतसर सेक्शन, जालंधर कैंट-पठानकोट, अमृतसर-खेमकरण व फिरोजपुर में बस्ती टैंका वाली में रेल पटरी पर धरना लगाया हुआ है। रेल रोको आंदोलन के चलते 84 ट्रेनें रद्द हैं, 47 को डायवर्ट किया गया है। 25 ट्रेनें, जिन्हें जिस स्टेशन पर रद्द किया गया है, वहीं से अपने निर्धारित स्टेशनों को रवाना कर दी गई हैं। सरकार ने मंगलवार शाम पांच बजे किसानों को बातचीत के लिए बुलाया है।

पंजाब में रेल रोको आंदोलन

किसान संगठन का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक उनका पक्का धरना जारी रहेगा। धरने पर बैठे एक किसान का कहना है कि हमने देवीदासपुरा ट्रैक जाम कर दिया है। हम चाहते हैं कि पंजाब सरकार और केंद्र हमारी मांगों को पूरा करें। हम यहां खराब मौसम में विरोध कर रहे हैं, उन्हें कुछ चिंता दिखानी चाहिए।

किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू व सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसान बिस्तर लेकर धरनास्थल पर पहुंच चुके हैं। धरना दिन-रात जारी रहेगा। 29 सितंबर को सीएम चन्नी के साथ हुई बैठक में सभी मांगों को हल करने भरोसा दिया था। यदि सरकार ने जल्द मांगें नहीं मानीं तो 22 दिसंबर से तीन अन्य जगहों पर धरने शुरू होंगे। सोमवार को किसानों ने जंडियाला-मानावाला ट्रैक, जालंधर-पठानकोट रेल मार्ग, टांडा उड़मुड़ फिरोजपुर ट्रैक और अमृतसर-खेमकरण रेल मार्ग पर धरना दिया था। धरनास्थल पर किसान अपने साथ राशन-पानी और बिस्तर लेकर पहुंचे थे।

किसानों के मुताबिक फसलों के दाम पिछले 50 सालों में अस्सी फीसदी बढ़े हैं

जबकि लागत खर्च तीन सौ गुना बढ़ गई है। इससे किसान कर्ज तले दबे हैं। वे खुदकुशी कर रहे हैं। आने वाले समय में केंद्र सरकार एमएसपी बंद करने की तैयारी कर रही है। ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसलों का सरकार प्रति एकड़ का पचास हजार रुपये मुआवजा दे। किसान आंदोलन में शहीद होने वाले किसानों के परिजनों को पांच लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की। गन्ने की फसल का बकाया तुरंत जारी किया जाए। नए रेट से गन्ने की पेमेंट की जाए।