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GRP Found Fixed Deposit Of Rs 8.77 And Cash Rs 1.75 Lakhs From Residence Of Beggar Azad In Govandi
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भिखारी की मौत के बाद घर पहुंची पुलिस

मुंबई की रेलवे पुलिस (जीआरपी) को पटरियों पर एक शव की जानकारी मिली। जब उसकी तफ्तीश की गई तो पता चला कि मरने वाले भिखारी का नाम बिरादीचंद पन्नारामजी आजाद था, जो भीख मांगकर अपना गुजारा करता था। पुलिस की जांच के अनुसार बिरारीचंद लखपति था और उसके पास 8.77 लाख रुपये का फिक्स डिपॉजिट (सावधि जमा), 96,000 रुपये खाते में और 1.75 लाख के सिक्के मिले। 82 साल के इस भिखारी की शुक्रवार को मानखुर्द और गोवंडी स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक पार करने की कोशिश में ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी।

जीआरपी अब आजाद के बेटे से संपर्क करने की कोशिश कर रही है जो राजस्थान में रहता है। स्थानीय लोगों ने उसकी पहचान की थी और पुलिस को बताया था कि वो हार्बर लाइन पर भीख मांगा करता था। 

वाशी जीआरपी के अनुसार, ‘आगे जांच करने पर हम उसकी झोपड़ी तक पहुंचे। एक पड़ोसी ने हमें बताया कि आजाद अकेला रहता था और उसका कोई रिश्तेदार नहीं है। हमने उसकी झोपड़ी में छानबीन की ताकि उसके परिवार के बारे में कुछ पता चल सके।’

आजाद की झोपड़ी में छानबीन करने वाले वाशी जीआरपी के सब इंस्पेक्टर प्रवीण कांबले ने कहा, ‘हमें वहां चार बड़े डिब्बे और एक गैलन मिला। उसने इनके अंदर एक, दो, पांच और 10 रुपये के सिक्कों को प्लास्टिक की थैलियों में रखा हुआ था। हमने शनिवार शाम से रविवार तक सिक्कों को गिना और यह 1.75 लाख रुपये निकले।’

पुलिस को झोपड़ी के एक कोने में रखा हुआ स्टील का डिब्बा मिला। सास्ते ने कहा, ‘हमें स्टील के डिब्बे में पैन कार्ड, आधार कार्ड और वरिष्ठ नागरिक कार्ड मिला जो सभी आजाद के नाम पर थे। दस्तावेजों के अनुसार उसका जन्म 27 फरवरी को 1937 में हुआ था। वह पहले शिवाजी नगर मे रहता था।’

सास्ते ने कहा, ‘हमें जो अन्य दस्तावेज मिले हैं उसमें 8.77 लाख रुपये के फिक्स डिपॉजिट की रसीद, दो बैंक खातों की पासबुक मिली है जिसमें 96,000 रुपये जमा हैं। रसीद से पता चलता है कि आजाद राजस्थान के रामगढ़ का रहने वाला था और उसका सुखदेव नाम का बेटा है। जो उसके बैंक खातों का नॉमिनी है। हम सुखदेव से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।’