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भारत के दक्षिण पूर्व में गिरा चीन का बेकाबू रॉकेट,नुकसान का अभी तक कोइ खबर नहीं

चीन के ‘मैन्ड स्पेस इंजीनियरिंग’ कार्यालय ने बताया कि चीन के लॉन्ग मार्च 5बी रॉकेट का मलबा बीजिंग के समयानुसार सुबह 10 बजकर 24 मिनट पर पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश कर गया था. इसके बाद वह 72.47 डिग्री पूर्वी देशांतर और 2.65 डिग्री उत्तरी अक्षांश में समुद्र के एक खुले क्षेत्र में गिरा. पेइचिंग: आखिरकार चीन के अनियंत्रित हुए रॉकेट का मलबा हिंद महासागर में गिर गया है. अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने कुछ दिन पहले ही चीन के इस लॉन्ग मार्च 5बी रॉकेट के धरती से टकराने की चेतावनी दे दी थी. अमेरिकी स्पेस फोर्स के डेटा के मुताबिक यह रॉकेट 18 हजार मील प्रतिघंटा की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ रहा था. इतनी तेज रफ्तार होने के कारण इस बात की पुष्टि नहीं की सकी थी कि इसकी लैंडिंग कहां होगी. चीनी मीडिया ने कहा है कि यह भारत के दक्षिणपूर्व में श्रीलंका और मालदीव के आसपास कहीं पानी में गिरा है.
अनियंत्रित रॉकेट का मलबा गिरने से किसी तरह का नुकसान होने की जानकारी खबर लिखने तक नहीं आई है. 2021-035B नाम का यह रॉकेट 100 फुट लंबा और 16 फुट चौड़ा था. वायुमंडल में प्रवेश करने के बाद इसका बड़ा हिस्सा जल गया और बाकी पानी में जा गिरा. पहले ऐसी अटकलें लगाई जा रहीं थीं कि यह दक्षिणपूर्वी अमेरिका, मेक्सिको, मध्य अमेरिका, करेबियन, पेरू, ईक्वाडोर कोलंबिया, वेनेजुएला, दक्षिण यूरोप, उत्तर या मध्य अफ्रीका, मध्य पूर्व, दक्षिण भारत या ऑस्ट्रेलिया में गिर सकता है. हालांकि पहले इसके पेइचिंग, मैड्रिड या न्यूयॉर्क में गिरने की आशंका जताई जा रही थी लेकिन इसकी तेज गति के कारण बाद में लैंडिंग की जगह की पुष्टि कर पाना मुश्किल हो गया था.

चीन के ‘मैन्ड स्पेस इंजीनियरिंग’ कार्यालय ने बताया कि चीन के लॉन्ग मार्च 5बी रॉकेट का मलबा बीजिंग के समयानुसार सुबह 10 बजकर 24 मिनट पर पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश कर गया था. इसके बाद वह 72.47 डिग्री पूर्वी देशांतर और 2.65 डिग्री उत्तरी अक्षांश में समुद्र के एक खुले क्षेत्र में गिरा.

इस रॉकेट की लैंडिंग को लेकर यह संभावना ज्‍यादा थी कि यह पानी में ही गिरेगा. चूंकि पृथ्‍वी पर ज्यादातर हिस्से में पानी होने के कारण इसके जमीन पर गिरकर इंसानों को नुकसान पहुंचाने की आशंका कम ही जताई गई थी. यह रॉकेट अनियंत्रित होने के बाद धरती की ओर बढ़ने लगा था और इसके धरती से टकराने की आशंका जताई गई थी. हालांकि, एक्सपर्ट्स ने कहा था कि धरती के नजदीक आने पर रॉकेट का काफी हिस्‍सा जलकर राख हो जाएगा.

बता दें कि चीन ने इस रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में बनाए जाने वाले अपने स्‍पेस स्‍टेशन का पहला हिस्‍सा भेजा था.