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बेल्जियम में सिक्युरिटी के लिए आर्मी, मोदी 3 देशों के दौरे पर: ब्रसेल्स पहुंचे

नई दिल्ली/ब्रसेल्स. नरेंद्र मोदी तीन देशों के दौरे पर हैं। पहले पड़ाव में वे बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स पहुंच चुके हैं। उनकी सिक्युरिटी के लिए यहां बेल्जियम की आर्मी लगाई गई है। यहां पिछले हफ्ते ही तीन ब्लास्ट हुए थे। ब्रसेल्स में मोदी इंडिया-ईयू समिट में हिस्सा लेेंगे। इसके बाद 31 मार्च और 1 अप्रैल को वॉशिंगटन में रहेंगे जहां उन्हें न्यूक्लियर समिट में हिस्सा लेना है। आखिरी पड़ाव में वे सऊदी अरब की राजधानी रियाद पहुंचेंगे। कैसा है मोदी के दौरे का पूरा शेड्यूल…
– मोदी पहली बार बेल्जियम की ऑफिशियल विजिट पर जा रहे हैं। यह विजिट दो हिस्सों में बांटी गई है।
– पहले वे बेल्जियम के साथ बाइलेट्रल समिट में हिस्सा लेंगे। बाद में मोदी 13TH इंडिया-ईयू समिट में भी शामिल होंगे।
– दोनों समिट एक ही दिन 30 मार्च को ब्रसेल्स में होंगी।
– ब्रसेल्स में उन्हें 5 हजार भारतीयों को एड्रेस करना है। यहां पिछले हफ्ते तीन धमाकों में 35 लोगों की मौत हुई थी।
– मोदी की सिक्युरिटी के लिए बेल्जियम आर्मी लगाई गई है।
बेल्जियम में मोदी का प्रोग्राम
– मोदी 30 मार्च की सुबह बेल्जियम पहुंचेंगे।
– शाम चार बजे बेल्जियम के साथ समिट मीटिंग में हिस्सा लेंगे।
– मोदी दौरे की शुरुआत यूरोपियन यूनियन और बेल्जियम के सांसदों से मिलकर करेंगे।
– इसके बाद वो बेल्जियम के एतिहासिक एगमॉन्ट पैलेस जाएंगे। वहां बेल्जियम के पीएम चार्ल्स मिशेल उनकी अगवानी करेंगे।
– मोदी के वेलकम के बाद दोनों पीएम बाइलेट्रल मुद्दों और ग्लोबल ईश्यूज पर बातचीत करेंगे।
– इसके बाद मोदी और बेल्जियम के पीएम लंच पर भी मुलाकात करेंगे। यहां मोदी बेल्जियम के लीडिंग बिजनेसमैन्स और सीईओ से मिलेंगे।
– इस मीटिंग में बेल्जियम के तीनों फेडरल रीजन के चीफ भी रहेंगे।
दुनिया के सबसे बड़े टेलिस्कोप को करेंगे एक्टिवेट
– लंच के बाद मोदी और चार्ल्स मिशेल दुनिया के सबसे बड़े ऑप्टिकल टेलिस्कोप को टेक्निकली एक्टिवेट करेंगे।
– ये टेलिस्कोप नैनिताल के नजदीक देवस्थल में लगा हुआ है।
– इसे भारत और बेल्जियम की एक कंपनी ने मिलकर बनाया है।
– इसके बाद दोनों नेता स्टेटमेंट जारी करेंगे।
इंडियन कम्युनिटी को भी एड्रेस करेंगे मोदी
– बेल्जियम में करीब 20 हजार भारतीय रहते हैं।
– मोदी का यहां इंडियन कम्युनिटी को भी एड्रेस करने का प्रोग्राम है।
इंडिया ईयू समिट में लेंगे हिस्सा
– 30 मार्च की शाम को मोदी 13th इंडिया-ईयू समिट में हिस्सा लेंगे।
– इंडिया-यूरोपीयन यूनियन समिट 2000 से शुरू हुई थी। 2004 में भारत ने ईयू के साथ स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप शुरू की।
– इससे पहले इंडिया-ईयू समिट 2012 में नई दिल्ली में हुई थी। वर्ल्ड ट्रेड में इसका हिस्सा 16% है।
इंडिया के क्यों अहम है ईयू
– भारत के लिए ये सबसे बड़ा एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन और ट्रेडिंग पार्टनर है। भारत का कुल ट्रेड 126 बिलियन है।
– इंडिया के लिए यूरोपीयन यूनियन सबसे बड़ा एफडीआई सोर्स है। कुल एफडीआई का 26% यहीं से आता है।
– इकोनॉमिक क्राइसेस के बाद भी ईयू दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमिक पावर है।
– इसकी कुल जीडीपी 18 ट्रिलियन डॉलर की है।
– ये फूड्स एंड सर्विसेस का दुनिया का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर और इंपोर्टर है।
मोदी के दौरे का दूसरा पड़ाव होगा वॉशिंगटन
– मोदी 4th न्यूक्लियर सिक्युरिटी समिट में हिस्सा लेने के लिए 31 मार्च को वॉशिंगटन डीसी पहुंचेंगे।
– 53 देशों के नेता और चार इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन से जुड़े लोग इस समिट में हिस्सा लेंगे।
– 1 अप्रैल को 3 प्लैनरी सेशन होंगे।
– न्यूक्लियर सिक्युरिटी को कैसे बेहतर किया जा सकता है, इस पर पहले प्लैनरी सेशन में चर्चा होगी।
– समिट में इंटरनेशनल टेररिज्म और न्यूक्लियर टेररिज्म पर बात होगी।
रियाद होगा मोदी के दौरे का आखिरी पड़ाव
– 2 और 3 अप्रैल को मोदी सऊदी अरब की राजधानी रियाद में होंगे।
– किंग सलमान के न्योते पर मोदी रियाद जा रहे हैं। ये किंग सलमान के साथ पीएम की पहली बाइलेट्रल मीटिंग होगी।
– हालांकि दोनों दो बार पहले भी मिल चुके हैं। 2014 और 2015 की जी20 मीटिंग के दौरान ये मुलाकातें हुई हैं।
– छह साल बाद कोई भारत का पीएम सऊदी अरब जा रहा है।
– इससे पहले 2010 में डॉ. मनमोहन सिंह सऊदी अरब के दौरे पर गए थे। इसमें रियाद डिक्लेयरेशन जारी हुआ था।
– पांच दशक के अंतराल के बाद सऊदी अरब के किंग अब्दुल्ला 2006 में भारत आए थे। इसमें दिल्ली डिक्लेयरेशन जारी हुआ।
– किंग सलमान 2014 में भारत दौरे पर आए थे। उस समय वो सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और डिफेंस मिनिस्टर थे।
रियाद में क्या है मोदी का प्रोग्राम
– 2 अप्रैल की दोपहर मोदी रियाद पहुंचेंगे। सबसे पहले रियाद के मसमाक फोर्टरेस जाएंगे।
– इसके बाद मोदी एल&टी रेसिडेंशियल कॉम्प्लेक्स जाएंगे।
– एल&टी इस समय रियाद मेट्रो प्रोजेक्ट पर लगी है।
– 3 अप्रैल को मोदी टीसीएस ऑल वुमन आईटी&आईटीईएस सेंटर जाएंगे।
– तीस साल पहले इसकी शुरूआत हुई थी। उस समय इसमें 80 महिलाएं काम करती थीं।
– इस समय इनकी संंख्या एक हजार से ज्यादा है। इनमें 80 फीसदी महिलाएं सऊदी की हैं।
– दोपहर में मोदी किंग सलमान की मेजबानी में लंच में हिस्सा लेंगे।
– इसके बाद डेलिगेशन लेवल की मीटिंग होगी। तीन अप्रैल की देर शाम मोदी भारत वापस लौटेंगे।
भारत के लिए क्यों अहम है सऊदी
– सऊदी अरब दुनिया का सबसे बड़ा ऑयल एक्सपोर्टर देश है। अरब देशों की जीडीपी में 25% कॉन्ट्रीब्यूशन सऊदी अरब का है।
– गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल के देशों की कुल जीडीपी में 50% कॉन्ट्रीब्यूशन सऊदी अरब का है।
– हर साल दुनिया भर के लोग हज के लिए भी सऊदी अरब जाते हैं। करीब 1 लाख 34 हजार भरतीय हर साल हज के लिए जाते हैं।
– यह भारत का चौथा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है।
– सऊदी अरब में भारत का एक्सपोर्ट 11 बिलियन डॉलर से ज्यादा है।
– भारत में सप्लाई होने वाले क्रूड का 20% हिस्सा सऊदी अरब से आता है।
– पिछले साल भारत ने सऊदी अरब से 21 बिलियन डॉलर का क्रूड खरीदा था।