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बकरी बेचकर टॉयलेट बनवाने वाली स्वच्छता मिशन का चेहरा बनीं 105 साल की महिला को डर- सम्मान में मिले 2 लाख चोरी हो गए तो…

धमतरी (छत्तीसगढ़).105 साल की कुंवर बाई। बकरी बेचकर टॉयलेट बनवाया था। कुछ महीने पहले जब पीएम मोदी छत्तीसगढ़ आए तो उन्हें मंच पर बुलाकर सम्मानित किया। पैर भी छुए थे। मंगलवार को सरकार ने कुंवरबाई को स्वच्छ भारत अभियान का शुंभकर (मैस्कॉट) बनाया। इसके लिए उन्हें दो लाख रुपए दिए जाएंगे। कुंवर बाई को किस बात की है चिंता…
– कुंवर बाई के लिए दो लाख रुपए की रकम बहुत बड़ी है। जब से उन्हें इसके बारे में पता चला है, वो बेचैन हैं। कभी उन्हें लगता है कि इस पैसे को कोई चोरी कर लेगा।
– कभी लगता है, कोई उन्हें इस पैसे के लिए मार देगा। उनके मन में तरह-तरह के ख्याल आ रहे हैं। इतना ही नहीं, जब उन्हें बताया गया कि उनको हवाई जहाज में दिल्ली जाना है।
– तब से वह थोड़ी रोमांचित हैं। लेकिन डरी-डरी सी भी हैं। कहती हैं जहाज में जाना है कैसे बैठूंगी उसमें, कहीं गिर गई तो..?
पूरे गांव ने बनवाए थे टॉयलेट
– छत्तीसगढ़ में धमतरी जिले के कोटाभर्री गांव की रहने वाली कुंवर बाई यादव ने अपनी बकरी बेचकर टॉयलेट बनवाया था।
– उनको देखकर पूरे गांव के लोगों ने घर में टॉयलेट बनाए। 17 सितंबर को पीएम उन्हें दिल्ली में सम्मानित करेंगे।
– कुंवरबाई के साथ बेटी सुशीला, नाती बुधराम, सरपंच वत्सला और जोहन यादव भी दिल्ली जाएंगे। हवाई जहाज से दिल्ली जाना है..।
– यह सुनकर कुंवर बाई के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। कहती हैं ‘मैं कब सोचे रहेंव, जहाज म बइठिहंव..। मोदी ह मोर बेटा हे…त मोर बेटी सुसीला ह ओकर बहिनी होइस। ओ हर ओला राखी बांधही।’ (मतलब, मोदी ने उन्हें मां माना है तो बेटी सुशीला उनकी बहन हुईं। वो दिल्ली में प्रधानमंत्री को राखी बांधेंगी।)
बेटी ने पीएम के लिए बनाई है राखी
– दरअसल, सुशीला ने अपने हाथ से राखी बनाई है। बेटी सुशीला कहती हैं ‘जब डोंगरगढ़ में प्रधानमंत्री आए थे। मंच पर मां के पैर छुए थे। तब से वे गांव में ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ में भी खास हो गई हैं। हर कोई उनकी चर्चा करता है। जब से मां को पता चला है कि दिल्ली जाना है, तब से वह दिनभर यही सोचती हैं कि इतनी सारी रकम कोई हड़प लेगा तो..?
– बेटी ने कहा, ”मैंने उन्हें समझाया कि पैसा बैंक में सीधे जमा होगा, तो थोड़ी शांत होती हैं। लेकिन थोड़ी देर बाद फिर बेचैन हो जाती हैं। तरह-तरह की बातें करती हैं।”
नई साड़ी नहीं चहिए- मैं भली, मेरी पुरानी साड़ी भली, मेरी लाठी भली
– कुंवर बाई से जब कहा गया कि नरेंद्र मोदी आपका सम्मान करेंगे। नए कपड़े ले लो, तो कुंवर बाई बोलीं, प्रधानमंत्री कपड़े का सम्मान कर रहे हैं या मेरा। कोई जरूरत नहीं है। मैं जैसी हूं, ठीक है। मैं भली, मेरी पुरानी फटी साड़ी भली और मेरी लाठी भली।