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पर्यटन के बल पर ही विकसित होगा भारत, स्‍वच्‍छता जरूरी- प्रणब मुखर्जी ने कहा

ग्रेटर नोएडा.वैश्विक मेले में दुनियाभर से भाग लेने 450 प्रदर्शकों को संवोधित करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत में पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इसे आगे बढ़ाने के लिए हमें स्वच्छता पर काफी जोर देना होगा। उन्‍होंने कहा कि विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा भी इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि पर्यटन विदेशी मेहमानों के आगमन से ही बढ़ता है। इसलिए उनकी सुरक्षा को प्रमुखता से लिया जाना चाहिए। ये बातें उन्‍होंने इंडिया एक्सपोमार्ट सेंटर में बुधवार को चार दिवसीय वैश्विक प्रदर्शनी के उद्घाटन के मौके पर कही। आगे पढ़िए और क्‍या कहा राष्‍ट्रपति ने
-प्रणब मुखर्जी ने कहा कि 1991 में जहां सेवा क्षेत्र में सकल घरेलू उत्पाद का योगदान 4.1 फीसदी था, वहीं 2015 में यह बढ़कर 66 फीसदी पर पहुंच गया है। बताते चलें कि ये वैश्‍विक प्रदर्शनी सेवा निर्यात संवर्धन परिषद और भारतीय उद्योग परिसंघ के साथ मिलकर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से आयोजित की गई है।
राम नाईक ने कहा- गुणवत्‍ता पर ध्‍यान देना जरूरी
इस मौके पर गवर्नर राम नाईक ने कहा कि सेवा क्षेत्र में निश्चित ही अपार संभावनाएं हैं, लेकिन इसे बढ़ाने के साथ ही गुणवत्ता का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है। उन्‍होंने मोबाइल सेवा की ओर इशारा करते हुए कहा कि आज भले ही सभी तक मोबाइल सेवा की उपलब्धता है, लेकिन अभी तक हम कलड्रप की समस्या से निजात नहीं पा सके हैं। इस मौके पर केंद्रीय दूससंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की राज्यमंत्री निर्मला सीतारमण, पर्यटन, संस्कृति और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने भी वैश्विक प्रदर्शनी को संबोधित किया।
राष्‍ट्रपति की सुरक्षा में 1000 तैनात थे सुरक्षाकर्मी
एसपी देहात अभिषेक यादव ने बताया कि राष्ट्रपति की सुरक्षा के मद्देनजर शहर और मार्ट परिसर में करीब 1000 सुरक्षाबल तैनात किए गए। इसमें 400 महिला और पुरूष कांस्टेबल, 100 हेड कांस्टेबल, 100 सब इंस्पेक्टर, 25 इंस्पेक्टर, 10 सीओ, 14 कंपनी पीएसी और पैरामिलिट्री फोर्स तैनात रहेंगे। इसके अलावा सभी एसपी और उच्च अधिकारी मौजूद रहे।
ये है प्रर्दशनी का मुख्‍य उद्देश्‍य
सेवाओं पर वैश्विक प्रदर्शनी आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य भारत में सेवा क्षेत्र के सभी प्रतिनिधियों और प्रमुख निर्णयकर्ताओं को विश्व के सर्वश्रेष्ठ लोगों के साथ संवाद करना है। साथ ही नए वैश्विक व्यवसायिक अवसरों की तलाश के लिए एक मंच उपलब्ध कराना है।
अनुमान लगाया जा रहा है कि इस चार दिवसीय वैश्विक प्रदर्शनी के आयोजन से भारतीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। इसके दूसरे संस्करण में बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं, शिक्षा, पर्यावरणीय सेवाएं, प्रदर्शनी और कार्यक्रम सेवा, सुगमता प्रबंधन, स्वास्थ्य आईटी एवं दूससंचार, लजिस्टिक, अंतरराष्ट्रीय पवेलियन, मीडिया और मनोरंजन, पेशेवर सेवाएं, सेवा क्षेत्र में एसएमई, कौशल शोध एवं विकास, पर्यटन एवं हॉस्पिटैलिटी को शामिल किया गया है।