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धीरे-धीरे असर करेगी बदलती दुनिया की महिलाओं की कहानी-Criminal Justice

गुरुग्राम के किसी शानदार रेस्तरां में काम करने वाला एक शेफ से कोरोना काल में अपनी पत्नी का दुख न देखा गया और वह सब कुछ छोड़छाड़कर एक ऐसे गांव चला आया, जहां तक पहुंचना किसी भी सार्वजनिक साधन से संभव नहीं है। अलाव तापते उसने अपनी पूरी राम कहानी सुनाई और जाते जाते कह गया एक वाक्य, जो ग्रामीण भारत का असली कष्ट है। उसने कहा, ‘पता नहीं, जो कुछ भी मेरे घर में होता है, वह पड़ोसियों को कैसे पता चल जाता है!’ यह निंदा रस ही परंपरा से तमाम सारे कथित सुखों की खान रही है। वेब सीरीज क्रिमिनल जस्टिस-बिहाइंड क्लोज्ड डोर्स इसी निंदा रस पर आधारित है। अमीर परिवारों की तथाकथित कलई खोलती एक तस्वीर। पांच सितारा सुविधाओं में रहने वाली एक महिला को एक ऐसे शौचालय में शौच के लिए जाती दिखाती कहानी जिसकी हालत देख उसे उल्टी आ जाती है। गांजे की आपूर्ति जेल में जारी रहे, इसके लालच में एक दूसरी महिला कैदी से इस शौचालय की सफाई कराई जाती है। महिला आत्मसम्मान के तमाम संवेदनशील मुद्दे उठाती ये वेब सीरीज अगर इसी तरह प्रचारित की जाती तो इसके नतीजे बहुत अच्छे हो सकते थे।