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देश के जाने माने डाक्टरों ने वैक्सीनेसंन की स्पीड बढ़ाने का दिया 3 फार्मूला

नई दिल्ली. देश के जाने माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. देवी शेट्टी ने देश में कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार को तेज करने का 3 प्वाइंट फॉर्मूला दिया है. मनी कंट्रोल से बातचीत में उन्होंने कहा है कि भारत को एक साथ 30-40 करोड़ वैक्सीन की खरीद करनी चाहिए. ये खरीद अलग-अलग न होकर एक ही जगह से की जानी चाहिए. यानी राज्य और केंद्र की अलग-अलग खरीद के बजाए एक केंद्रीय खरीद हो. साथ ही वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने के लिए प्राइवेट अस्पतालों को भी बड़ी संख्या में लगाया जाए.

उन्होंने कहा-अगर हम कंपनियों के पास जाएं और कहें कि हमें 30-40 करोड़ वैक्सीन चाहिए, ये रहे पैसे. वो आपको वैक्सीन दे देंगे. और ये ऐसी वैक्सीन हैं जिन्हें किसी ट्रायल की जरूरत नहीं है. ये अब तक लाखों लोगों पर इस्तेमाल की जा चुकी हैं. आखिर सोचिए कि एक दिन के लॉकडाउन की क्या कीमत हम चुका रहे हैं? कोरोना के खिलाफ वैक्सीन सबसे सस्ता उपाय है. हमें इसका इस्तेमाल करना चाहिए.

डॉ. शेट्टी मल्टीस्पेशियलटी हॉस्पिटल श्रृंखला नारायणा हेल्थ के फाउंडर हैं. उन्होंने जोर देकर कहा है कि मेडिकल और नर्सिंग का कोर्स पूरा कर रहे आखिरी वर्ष के छात्रों को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जोड़ा जाना चाहिए. इससे वर्तमान मेडिकल सिस्टम पर दबाव कम होगा. सरकार इस प्रपोजल पर सहमत हो चुकी है.
बता दें कि 1 मई से केंद्र सरकार ने 18+ वालों के लिए वैक्सीनेशन की शुरुआत कर दी है लेकिन कई राज्यों से वैक्सीन की कमी की शिकायतें आई हैं. कई राज्यों ने 18+ वालों के वैक्सीनेशन की प्रक्रिया वैक्सीन की कमी की वजह से रोकी हुई है. वो अपने पास मौजूद डोज को 45+ वाले लोगों के लिए इस्तेमाल कर रहे है
डॉ. शेट्टी ने अपना 3 प्वाइंटर आयडिया उस वक्त दिया है जब देश की कई राज्य सरकारों ने वैक्सीन खरीद के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए हैं. भारत में इस हफ्ते कम से कम 12 विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर 9 सुझाव दिए हैं. इनमें विदेशी वैक्सीन खरीद, सभी के लिए फ्री वैक्सीनेशन कार्यक्रम, और कंपल्सरी लाइंसेंसिंग पर सुझाव शामिल हैं.
ऐसी स्थिति में वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज करने के लिए देवी शेट्टी ने कहा-अगर हम थोक में ऑर्डर देंगे तो बेहतर दाम पर वैक्सीन खरीद सकेंगे. अगर कंपनियों को पैसा अडवांस में नहीं दिया जाएगा तो वो कोई वादा नहीं करेंगी. हमें इस वक्त कम से कम ऐसे पांच बड़े वैक्सीन उत्पादकों की जरूरत हैं जो कहें कि आप हमें पैसे दीजिए और हम इस निश्चित वक्त तक वैक्सीन सप्लाई कर देंगे.
उन्होंने कहा कि तेज कदमों की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि तीन महीने बाद कोई कदम उठाने से फर्क नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा-अगर हम बल्क में वैक्सीन खरीद पर विचार करते हैं तो 60 करोड़ वैक्सीन भी मिल सकती हैं या फिर 20 करोड़ भी. लेकिन ये दोनों ही स्थिति वर्तमान स्थिति से बेहतर होंगी. हमें युवा अभिभावकों जल्द से जल्द वैक्सिनेट करना होगा.