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देखें मंदिर की PHOTO, यहां बन रहा देश का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर

वाराणसी. बाबा की नगरी काशी में देश का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर बनाया जा रहा है। यहां एक ही छत के नीचे करीब 20 हजार लोग एक साथ बैठकर मेडिटेशन कर सकेंगे। आगे पढ़ें कैसा होगा यह मेडिटेशन सेंटर…

– काशी के उमरहा में स्‍वर्वेद महामंदिर बन रहा है।
– 7 मंजिला यह मंदिर 35 करोड़ की लागत से 64 हजार स्‍कवायर फीट (डेढ़ एकड़) में बनाया जा रहा है।
– मीडिया प्रभारी पीयूष कुमार ने बताया, देश में पहली बार कोई इतना बड़ा मेडिटेशन सेंटर बनाया जा रहा है।
– मंदिर प्रभारी सुरेंद्र यादव ने बताया, यहां सातों मंजिल पर 20 हजार लोग एक साथ मेडिटेशन (ध्यान) कर सकेंगे।
– 2004 से करीब 500 मजदूर लगातार मंदिर निर्माण में लगे हैं, 2019 तक इसे बनना है।
– इस मंदिर को बनाने का मकसद है कि लोग मेडीटेशन, योग साधना और संस्कृति से जुड़ सकें। साथ ही भारत के प्राचीन ऋषि, मुनियों को भी जान सकें।

मंदिर की खासियत…
– मंदिर में सातों मंजिल पर मेडीटेशन कर सकेंगे।
– मंदिर की हाईट: 170 फिट
– 125 पंखुड़ियों के साथ मंदिर के ऊपर एक गुंबद होगा।
– मंदिर परिसर में फव्वारे, लेजर शो भी होगा।
– ग्राउंड फ्लोर पर कृत्रिम गुफाएं होंगी।
– बाहरी हिस्‍सा गुलाबी और अंदर का व्‍हाइट।
– गुजरात के कारीगर कर रहे मंदिर का निर्माण।
– वैदिक हेरीटेज सेंटर के तहत 5100 स्‍टूडेंट्स को फ्री में एजुकेशन देने के लिए स्‍कूल खोला जाएगा।
– 3 लाख वर्ग फीट गुलाबी सैंड स्टोन (पत्थर) से महराज सदा फल देव जी की जीवन से जुड़ी झाकियां लगेंगी।

मंदिर में गेस्‍ट के लिए होंगे लग्‍जरी रूम
– मीडिया प्रभारी पीयूष ने बताया, मंदिर में वृद्धाश्रम, गोशाला योगासन और अायुर्वेद प्रशिक्षण केंद्र भी बनाए जा रहे हैंं।
– गेस्ट के रुकने के लिए 32 लग्जरी कमरे भी होंगे।
– मंदिर में 4 लिफ्ट की व्‍यवस्‍था होगी- 2 छोटी और 2 बड़ी।
– ऊपरी मंजिल पर एक ऑडिटोरियम बन रहा है, जिसमें 500 लोगों के बैठने की व्यवस्था है।
– पूरा परिसर 15 एकड़ में बन रहा है।
– मंदिर में 253 पिलर हैं।

बोकारों के आर्किटेक्‍ट पत्‍थरों पर उकेरेंगे 3700 दोहा
– मंदिर के हर मंजिल पर मार्बल पत्थरों पर अंकित महर्षि सदाफल देव जी के महाग्रंथ के 3700 दोहे लगाए जाएंगे।
– इसके आर्किटेक्ट बोकारो के रहने वाले सुभाष नेत्र गावरकर हैं।
– मकराना से आए मार्बल पत्‍थरों में दोहों को मशीन से काटकर उकेरा जा रहा है।
– ओमान से आए विशेष पत्थर से अक्षरों को काटकर भरा जा रहा है।
– मंदिर में लगने वाले बड़े-बड़े पत्थर भरतपुर से मंगाए गए हैं।
– बता दें, स्वर्वेद ट्रस्‍ट का पूरे भारत में 6 मुख्य आश्रम और 200 योग साधना केंद्र है।