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जिनका दृष्टिकोण ब्रह्मांडीय हो जाता है, उनका मार्ग प्रशस्त हो जाता हैः अजय दीप सिंह

नए सत्र के विद्यार्थियों के लिए मंविवि में आयोजित हुआ उन्मुखीकरण कार्यक्रम

अलीगढ़। जिनका दृष्टिकोण ब्रह्मांडीय हो जाता है, उनका मार्ग स्वतः प्रशस्त हो जाता है। विद्यार्थी को आत्मनिरीक्षण करनाए अपने विवेक को जागरूक करनाए अपनी कमियां और खूबियां तलाशनाए धैर्य रखनाए सकारत्मक सोच रखनाए सतत प्रयास करना इन सभी मन्त्रों से उपलब्धि हासिल करना चाहिए। यह बातें मंगलायतन विश्वविद्यालय में उन्मुखीकरण कार्यक्रम के दौरान पूर्व मण्डल आयुक्त अजय दीप सिंह ने कहीं। मंगलायतन विश्वविद्यालय में सोमवार को नए सत्र के विद्यार्थियों के लिए उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नव प्रवेशित विद्यार्थी काफी उत्साहित दिखेए इस दौरान उनके परिजन भी मौजूद रहे। छात्रों को विवि की स्थापना से लेकर अब तक का सफर बताया गया तथा विवि कार्यकलापों के बारे में जानकारी दी गई। मुख्य अतिथि अलीगढ़ मण्डल के पूर्व आयुक्त अजय दीप सिंह ने कहा कि खुद पर नियंत्रण और धैर्य से सब सम्भव है। जीवन की परिभाषा बताते हुए उन्होंने कहा कि जीवन समझोतों का क्रम है। वहीं, उन्होंने बच्चों को व्यक्तिव विकास के लिए बताया कि विद्यार्थी लक्ष्य निर्धारित करें। इसी के आधार पर अपनी दैनिकचर्या बनाएं। रोग मुक्तए तनाव मुक्त रहें आलस्य त्यागें भटके नहीं। अहंकार मुक्त व्यवहार रखें। विवि के कुलपति प्रो. केवीएसएम कृष्णा ने नव प्रवेशित छात्रों का अभिनंदन किया। उन्होंने बताया विश्वविद्यालय एक दैवीय स्थान होता है। जहां व्यक्तिव और चरित्र का निर्माण होता है। प्रो. नरेंद्र सिंह ने भक्ति रचनाएं प्रस्तुत की। कुलसचिव ब्रिगेडियर समर वीर सिंह ने विवि के तौर तरीके की विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उद्घाटन सत्र का संचालन आईईआर के डायरेक्टर प्रोण्दिनेश पांडेय ने किया। प्रथम सत्र का निदेशक अकादमिक एन्ड रिसर्च प्रोण् उल्लास गुरूदास ने आभार व्यक्त किया। द्वितीय सत्र में मानविकी संकाय के डीन प्रो. जयंती लाल जैन, प्रो. शिवाजी, प्रो. वेंकट वीपीआरपी, प्रो. असगर अली अंसारी, प्रो. दिनेश पांडेय, डॉ. पूनम रानी, डॉ अशोक कुमार, डॉ. केपी सिंह, डॉ सैयद दानिश, यासीन नकवी, प्रो. राजीव शर्मा, प्रो. राकेश कुमार शर्मा, डॉ. हैदर अली ने अपने-अपने पाठ्यक्रम व विभागीय कार्यप्रणाली की जानकारी दी। जॉइंट रजिस्ट्रार डॉ. दिनेश शर्मा ने सभी वरिष्ठ शिक्षकों का परिचय कराया। साथ ही प्रवेशार्थियों को विवि की परीक्षा नीति से अवगत कराया।