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जानिए 70 हजार करोड़ के घाटे में चल रही एयरलाइन को कैसे बचाएगा टाटा ग्रुप?,टाटा की हुई एअर इंडिया

एअर इंडिया की कमान टाटा ग्रुप के हाथों में जाते ही इसकी फ्लाइट्स के ऑपरेशन में बदलाव दिखना शुरू हो गया है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को एअर इंडिया को टाटा ग्रुप को सौंप दिया। टाटा के एअर इंडिया के हैंडओवर की प्रक्रिया गुरुवार (27 जनवरी, 2022) को आधिकारिक तौर पर पूरी हो गई।

गुरुवार को टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद चंद्रशेखरन ने एअर इंडिया के अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने और एयरलाइन के वापस टाटा ग्रुप के पास आने पर खुशी जताई।

इसके साथ ही करीब 69 साल बाद एअर इंडिया की कमान फिर से टाटा के हाथों में आ गई है। सरकार ने अक्टूबर 2021 में एअर इंडिया की 100% हिस्सेदारी टाटा को बेच दी थी।

टाटा कर सकता है एअर इंडिया ग्रुप में कौन से बदलाव?

माना जा रहा है कि तुरंत न सही, लेकिन कुछ महीनों में एअर इंडिया के टाटा के हाथों में जाने से बदलाव नजर आने लगेंगे। हालांकि ये इस पर निर्भर करेगा कि टाटा ग्रुप एयरलाइन का संचालन कैसे करने का फैसला करता है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टाटा समूह अपने सभी एयरलाइन बिजनेस का एक ही यूनिट के तहत विलय करने पर विचार कर रहा है।

सरकार के साथ डील के तहत टाटा ग्रुप को एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस का पूरा मालिकाना मिलेगा। इसके अलावा टाटा के पास पहले ही एयर एशिया और विस्तारा एयरलाइंस की अधिकांश हिस्सेदारी है।

माना जा रहा है कि टाटा अपने सभी एयरलाइंस बिजनेस को मर्ज करके उसे एक कंपनी बना सकता है। ऐसा करने से उसे अतिरिक्त खर्च में कमी करने के साथ ज्यादा रेवेन्यू कमाने का मौका मिलेगा। हालांकि इस मामले को लेकर स्थिति एअर इंडिया की कमान पूरी तरह से टाटा के हाथों में आने के बाद उसे संभालने वाले नए मैनेजमेंट के फैसले से साफ होगी।