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चलते हैं कार में, इन्हें मिला है BPL कार्ड, आलीशान मकानों में रहते हैं यहां के ‘गरीब’

वाराणसी. नरेंद्र मोदी ने गत 1 मई को बलिया से 5 करोड़ बीपीएल कार्ड होल्डर महिलाओं को फ्री एलपीजी सिलेंडर, रेग्युलेटर और पाइप देने की योजना का एलान किया था। vicharsuchak.com ने पीएम के संसदीय क्षेत्र में रह रहे BPL कार्ड होल्डर्स का रियलिटी चेक किया। सामने आए आंकड़े हैरान करने वाले हैं। बीपीएल लिस्ट में आर्मी कमांडिंग अफसर, पूर्व प्रधान और सरकारी डॉक्टर से लेकर यूपी पुलिस के जवान तक शामिल हैं। क्या रहा गरीबी रेखा के नीचे जी रहे ‘अमीरों’ का रिएक्शन…
– पीएम ने गरीबी रेखा से नीचे जी रहे लोगों के लिए फ्री गैस कनेक्शन प्रोजेक्ट लॉन्च किया है।
– dainikbhaskar.com टीम ने यह पता किया कि क्या वाकई सभी बीपीएल कार्ड होल्डर्स गरीबी में जी रहे हैं।
– रियलिटी चेक में वाराणसी से 8 किमी दूर स्थित अवलेशपुर गांव में कुछ अमीर बीपीएल कार्ड होल्डर्स के नाम सामने आए।
– टीम ग्राम प्रधान कमलेश पाल के साथ इस गांव के सभी घरों में गई।
– बीपीएल लिस्ट में शामिल अमीरों ने वादा किया है कि वो लिस्ट से अपना नाम कटवा लेंगे और जरूरतमंदों के नाम चढ़वाने में मदद करेंगे।
ये हैं गरीबी रेखा के नीचे जी रहे अमीर
नाम – जोखन राम
पोस्ट – चेयर प्रोफेसर, बीएचयू
जोखन राम ने कहा, “मैं चाहता हूं कि यदि नियमों के तहत मेरा नाम हटता है, तो मेरा कार्ड किसी जरूरतमंद को ही मिलना चाहिए। कानून से डिजर्विंग कैंडिडेट्स को फायदा होना चाहिए। लिस्ट में मेरा नाम कैसे आया, इसकी जानकारी नहीं है। मैंने कभी इसका इस्तेमाल फायदे के लिए नहीं किया।” जोखन राम के पास आलीशान मकान, कई बीघा जमीन और दो कारें हैं। बच्चे भी बड़ी कंपनियों में जॉब करते हैं। रिटायरमेंट के बाद से वे बीएचयू में चेयर प्रोफेसर हैं।
नाम – रामराज पाल
पोस्ट – जूनियर कमांडिंग अफसर, पानागढ़, वर्धमान
रामराज ने बताया, “मेरा नाम पुराने सर्वे में आया होगा। अगर मेरा नाम काटा जाता है तो इसका फायदा किसी डिजर्विंग सिटिजन को ही मिलना चाहिए। मैंने कभी इस कार्ड से मिलने वाली सर्विसेस का इस्तेमाल नहीं किया।” इनके पास बाइक, घर और खेती लायक जमीन भी है।
नाम – कृष्ण कुमार कश्यप
पेशा – खेती
कश्यप ने कहा, “हम सरकार के नए नियमों की रिस्पेक्ट करते हैं। मेरे कार्ड का फायदा सही व्यक्ति को दिया जाना चाहिए।” इनके पास घर, जमीन, पम्पिंग सेट, लोडिंग ऑटो और बाइक है।
नाम – डॉक्टर डीएस उपाध्याय
पोस्ट – प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महगांव में डॉक्टर
डॉक्टर उपाध्याय ने कहा, “यदि मेरा नाम इस लिस्ट से हटता है, तो कार्ड डिजर्विंग कैंडिडेट को मिलना चाहिए। यह एक नेक काम है। इसमें खुद लोगों को आगे आना चाहिए।” उनके पास आलीशान मकान, कार, टीवी, फ्रिज और कूलर है।
नाम – नन्हकू सिंह
पोस्ट – कॉन्स्टेबल, ज्ञानवापी
नन्हकू सिंह ने बताया, “मेरा कार्ड किसी पात्र व्यक्ति को दिया जाए। इस काम में सबको खुद आगे आना चाहिए। आज तक किसी ने पहल ही नहीं की।” नन्हकू सिंह का अपना मकान है। बाइक, टीवी और फ्रिज भी है।
नाम – मुन्नालाल पटेल
पोस्ट – पूर्व प्रधान
मकान, खेती योग्य जमीन, ट्रैक्टर, जनरेटर पम्पिंग सेट, फ्रिज, टीवी और कूलर जैसी लग्जरी से संपन्न हैं मुन्नालाल। बीपीएल कार्ड पर बोले, “सरकार के नियमों का पालन होना ही चाहिए। मैं चाहता हूं कि मेरा कार्ड किसी डिजर्विंग पर्सन को मिले।”
क्‍या कहते हैं ग्राम प्रधान
ग्राम प्रधान कमलेश पाल ने बताया, “2011 के सर्वे में इन सब का नाम लिस्ट में आया था। इस बार प्रधान बनते ही मैंने अनडिजर्विंग कैंडिडेट्स के नाम लिस्ट से हटवाने का प्रॉसेस शुरू कर दिया है। जल्द ही रिपोर्ट सबमिट की जाएगी। सभी इसमें मदद कर रहे हैं।”
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े?
– डिस्ट्रिक्ट सप्लाई अफसर अशोक यादव के मुताबिक, वाराणसी में 80211 बीपीएल कार्ड (व्हाइट) होल्डर रहते हैं।
– इसके अलावा, जिले में 449498 अंत्योदय (रेड कार्ड होल्डर) और 850091 एपीएल (येलो कार्ड) होल्डर हैं।
– फरवरी 2016 तक कार्ड होल्डर्स की संख्या 999800 थी।
– मार्च 2016 में प्रमुख बदलाव नेशनल फूड एक्ट (एनएफए) के तहत हुआ।
– मार्च 2016 से एनएफए लागू होने के बाद कुल कार्डों की संख्या 567503 है। इनमें 617000 परिवार के 650000 मेंबर या यूनिट शामिल हैं।
– इसमें 3 रुपए किलो गेहूं और 2 रुपए किलो चावल प्रति यूनिट मिलेगा।
– एलिजिबल हाउसहोल्ड कार्ड के अंतर्गत प्रति यूनिट (सदस्य) 3.5 किलो गेहूं और 1.5 किलो चावल महीने में एक बार मिलेगा।
अर्बन और रूरल रीजन में कार्ड बनवाने की एलिजिबिलिटी –
– परिवार में कोई लाइलाज पेशेंट हो, माता-पिता न हों, घर से निकाली गईं महिलाएं, कचरा ढोने वाले और सफाईकर्मी हों।
– भिखारी, डोमेस्टिक सर्वेंट, कॉबलर, ठेला चलाने वाला, रिक्शा चलाने वाले आदि।
– फैमिली हेड के पास खुद की जमीन न हो, मजदूर हो या कुली हो।
– रेवेन्यू अफसर द्वारा जारी किया गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने का इनकम सर्टिफिकेट।
– फैमिली हेड यदि निराश्रित महिला, दिव्यांग या मेंटली रिटारटेड पर्सन हो। फैमिली में कोई अन्य एडल्ट पुरुष न हो।
– फैमिली ऐसे मकान में रह रही हो जिसकी छत पक्की नहीं है।
कौन हैं अर्बन रीजन में नॉन-एलिजिबल
– इनकम टैक्स पेयर, कार ओनर, हाउस ओनर या घर में एसी, जनरेटर या लाइसेंसी हथियार रखने वाले।
– रूरल एरिया में अर्बन रीजन वाले क्राइटेरिया के अलावा 5 एकड़ उपजाऊ जमीन के मालिक या 2 लाख सालाना इनकम वाले भी एलिजिबल नहीं हैं।
कार्ड बनवाने के लिए जरूरी डॉक्युमेंट्स
– फैमिली हेड समेत सभी मेंबर्स की फोटो।
– बैंक पासबुक के फर्स्ट पेज की कॉपी।