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गेहूं क्रय केन्द्रों पर कृषकों की अनावश्यक भीड़ न हो इसलिए आन लाइन टोकन व्यवस्था के तहत होगी गेहूं खरीद: डीएम

डीएम ने की गेहूं क्रय एजेन्सियों के साथ बैठक, दिये निर्देष

न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत 15 अप्रैल से होगी गेहूं खरीद

लखीमपुर खीरी । रवी विपणन वर्ष 2020-21 में न्यूनतम मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत 15 अप्रैल 2020 से प्रारम्भ हो रही गेहूं खरीद के सम्बन्ध में जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने जनपद में कार्यरत गेहूँ, क्रय एजेन्सियों के जिला प्रबन्धकों/प्रभारियों, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता एवं जिला खाद्य विपणन अधिकारी के साथ एक बैठक की और सभी को कृषकों से गेहूँ क्रय के सम्बन्ध में दिशा निर्देश दिये। गेहूँ , क्रय केन्द्रों पर घोरे, इलेक्ट्रानिक कांटा, छलना, नमी मापक यन्त्र, बैनर/पोस्टर का प्रदर्शन इत्यादि व्यवस्थायें पूर्ण हों। कृषकों के त्वरित भुगतान हेतु पी.एफ.एम.एस. से सम्बन्धित समस्त औपचारिकतायें पूर्ण कर ली जायें एवं गेहूँ क्रय के पश्चात् अधिकतम 72 घण्टे में कृषकों का भुगतान अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाये।
उन्होनें कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत गेहूँ खरीद में क्रय केन्द्रों पर कृषकों की अनावश्यक भीड़ न हो इस हेतु आन लाइन टोकन व्यवस्था का पालन किया जाये। सम्बन्धित क्रय केन्द्र प्रभारी द्वारा एक सप्ताह की समय-सीमा के अन्दर का ही आन लाइन टोकन जनरेट किया जायेगा। क्रय एजन्सियों के जिला प्रबन्धकों को निर्देशित किया कि किसी भी दशा में गत वर्ष से कम क्रय केन्द्र नहीं खुलेंगे। अतएव गेहूँ क्रय केन्द्रों का गत वर्ष की संख्या के सापेक्ष गेहूँ क्रय केन्द्रों का प्रस्ताव प्रेषित किया जाये। गेहूँ क्रय पर साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाये एवं चूना, ब्लीचिंग पाउडर आदि का छिड़काव कराया जाये। क्रय केन्द्रों पर कृषकों की सुख-सुविधा का प्रबन्धक किया जाये। इसके लिए पीने के पानी, बैठने के लिए कुर्सियों की व्यवस्था क्रय केन्द्र पर होनी चाहिए। मण्डी समिति द्वारा मण्डियों में समस्त आवश्यक व्यवस्थायें पूर्ण कर ली जायें। मण्डियों में गेहूँ की प्रतिस्पर्धात्मक नीलामी प्रतिदिन करायी जाये, यदि निर्धारित गुणवत्ता के गेहूं का मूल्य समर्थन मूल्य से कम आता है तो केन्द्र पर ही गेहूँ क्रय किया जाये। केन्द्र पर विचैलियों की संलिप्तता या केन्द्र पर किसी भी प्रकार की अनियमितता पाये जाने पर तत्काल समस्त संलिप्त व्यक्तियों पर अभियोग पंजीकृत कराया जाये। कृषकों को खाद्य विभाग के पोर्टल fcs.up.gov.in पर पंजीकरण कराने हेतु प्रेरित किया जाये एवं केन्द्र पर भी कृषकों के पंजीकरण की व्यवस्था की जाये।
उन्होनंें डिपो प्रबन्धक, भारतीय खाद्य निगम को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि एजेन्सियों द्वारा डिपो पर गेहूँ, सम्पदान में किसी भी प्रकार की अनियमितता न हो, अन्यथा शिकायत प्राप्त होने पर प्रकरण की जांच कराकर संलिप्त कर्मचारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवाई जायेगी। कोराना महामारी के कारण शासन स्तर/जिला प्रशासन से प्राप्त निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। केन्द्र पर सेनेटाइजर, साबुन, पानी की व्यवस्था अनिवार्य रूप से हो। चेहरे पर सभी मास्क/गमछा/तौलिया/रुमाल का प्रयोग करें एवं सोशल डिस्टेसिग का कड़ाई से पालन करें।
बैठक के अन्त में जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि शासन का उद्देश्य कृषकों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाना है। यदि किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन नहीं किया जाता है एवं शासन की कृषकहित के दृष्टिगत सर्वोच्च प्राथमिकता के कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की शिथिलता या अनियमितता बरती जाती है तो सम्बन्धित के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के साथ अत्यन्त कठोर कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।