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किसान नेताओं पर एफआईआर के बाद कस सकता है मनी लांड्रिंग का शिकंजा ईडी

नई दिल्ली। दिल्ली में कोहराम मचाने वाले किसान नेताओं पर मनी लां¨ड्रग का शिकंजा कस सकता है। दिल्ली पुलिस की एफआइआर के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत केस दर्ज करने पर विचार कर रही है। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जल्द ही दिल्ली पुलिस से एफआइआर की कॉपी मंगाई जाएगी। इसके पहले एनआइए दीप सिद्धू समेत कई नेताओं को प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से फंडिंग के आरोप में नोटिस जारी कर चुका है।
ईडी के वरिष्ठ ने कहा कि लगभग दो महीने से चल रहे किसान आंदोलन के लिए देश-विदेश से बड़े पैमाने पर फंडिंग किए जाने की सूचना है। आंदोलन सिर्फ किसानों या ग्रामीणों की फं¨डग पर नहीं चल रहा था। समस्या यह थी कि बिना किसी एफआइआर के ईडी इस फं¨डग की जांच नहीं कर सकता था। मनी लां¨ड्रग के तहत एफआइआर दर्ज करने के लिए किसी दूसरी एजेंसी द्वारा एफआइआर दर्ज करना जरूरी होता है। अब जब दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है। ईडी के लिए मनी लां¨ड्रग का केस दर्ज करने का रास्ता साफ हो गया है।

वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार ईडी दिल्ली पुलिस में दर्ज एफआइआर के विश्लेषण के बाद ही मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करने का फैसला करेगी। पहले यह देखा जाएगा कि दिल्ली पुलिस ने किन-किन धाराओं में केस दर्ज किया है और उसमें क्या-क्या आरोप लगाए गए हैं। इसके बाद कानूनी सलाह ली जाएगी। उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया जल्द-से-जल्द पूरी कर केस दर्ज करने की कोशिश की जाएगी।

दरअसल किसान आंदोलन से जुड़े नेताओं को प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की ओर से फंडिंग के मामले की एनआइए पहले ही जांच कर रही है। इस सिलसिले में 15 दिसंबर को एफआइआर दर्ज करने के बाद एनआइए ने दीप सिद्धू समेत कई लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा था। यह नोटिस सिर्फ उन्हीं लोगों को भेजा गया था, जिनके खाते में विदेश से फंड आए थे। किसान नेता इसे आंदोलन कमजोर करने की सरकार की साजिश करार दे रहे थे। लेकिन ईडी यदि मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करती है और वह हर तरह की फंडिंग की जांच करेगी और उसके स्त्रोत और इस्तेमाल का पूरा ब्योरा खंगालेगी। जाहिर है किसान नेताओं के लिए ईडी के सवालों का जवाब देना आसान नहीं होगा।