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किसान आज मना रहे हैं सद्भावना दिवस, दिनभर रखेंगे उपवास

केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन शनिवार को 66वें दिन भी जारी है। कानूनों का विरोध कर रहे किसान आज 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को सद्भावना दिवस के रूप में मनाते हुए दिनभर के उपवास पर हैं। किसान संगठनोंं के नेताओं ने शुक्रवार को दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक उपवास रखा जाएगा। उन्होंने देश के लोगों से किसानों के साथ जुड़ने की अपील की। किसान नेताओं ने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन को बर्बाद करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस किसान आंदोलन को नष्ट करने की सत्ताधारी भाजपा की साजिश अब सामने आ गई है।

किसान नेताओं ने यह भी दावा किया था कि गुरुवार रात गाजीपुर बॉर्डर से किसान नेता राकेश टिकैत को हटाने की पुलिस की कथित कोशिश के बाद सभी प्रमुख प्रदर्शन स्थलों- गाजीपुर, सिंघु और टीकरी में आंदोलनकारियों की संख्या बढ़ रही है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता युधिष्ठिर सिंह ने कहा कि हमें इन (भाजपा) लोगों से राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करने पर व्याख्यान की जरूरत नहीं है। यहां बैठे अधिकांश किसानों के अपने बच्चे सीमाओं पर देश के लिए लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों के आंदोलन को दबाने की कोशिश ने इसे और तेज कर दिया है क्योंकि कल रात की घटना के बाद से और अधिक लोग आंदोलन में शामिल हुए हैं।

– केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बाॅर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 64वें दिन भी जारी है। आंदोलन में हिस्सा लेने आए भारी तादाद में लोग गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हुए हैं।

– सिंघु बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात है। कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है।

– टीकरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात है। कृषि कानूनों के खिलाफ यहां किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है।

संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भाजपा सरकार अब चल रहे शांतिपूर्ण किसान आंदोलन को सांप्रदायिक रंग दे रही है। क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शन पाल ने कहा कि आंदोलन में शामिल होने के लिए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान व अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं।

उन्होंने दावा किया कि मोहाली (पंजाब) से 800 से अधिक ट्रैक्टर ट्रॉलियां दिल्ली के विभिन्न सीमाओं पर आ रही हैं। दर्शन पाल ने सरकार से सभी आंदोलन स्थलों पर इंटरनेट सेवाएं बहाल करने की अपील करते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।