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काबुल एयरपोर्ट पर फायरिंग के बाद भगदड़ से हालात

काबुल:अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बीच काबुल एयरपोर्ट पर हजारों लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है। कई देशों के राजनायिकों को भी काबुल एयरपोर्ट से ही बचाकर ले जाया जा रहा है। तालिबान के कब्जे के बाद ही काबुल एयरपोर्ट पर फायरिंग की खबर मिली है। हालांकि, अभी तक गोलीबारी में किसी के जान जाने की जानकारी नहीं है लेकिन एयरपोर्ट पर हर तरफ भगदड़ के वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। दूसरी ओर, अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात को देखते हुए आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई गई है, जिसकी अध्यक्षता भारत करेगा।

रविवार को काबुल पर तालिबानियों के कब्जे के बाद यह खबर मिली की राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर जा चुके हैं। इसके बाद से ही काबुल एयरपोर्ट पर देश छोड़कर जाने वालों की भीड़ लग गई है। हवाईअड्डे तक जाने वाली सभी सड़कें तक भारी ट्रैफिक से भरी पड़ी दिख रही हैं।

अफगानिस्तान के अनुसार गनी और उनके करीबी साथी लगभग सभी बड़े शहरों और प्रांतीय राजधानियों पर तालिबान के कब्जे और राजधानी काबुल में उसके प्रवेश के बाद देश छोड़कर चले गए हैं। काबुल से मिली खबरों के अनुसार, तालिबान के लड़ाकों ने शहर के बाहरी इलाकों में प्रवेश कर लिया है जिससे निवासियों में डर और घबराहट पैदा हो गयी है। पिछले कुछ दिनों में तालिबान ने अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्सों पर कब्जा जमा लिया है। उसने कंधार, हेरात, मजार-ए-शरीफ और जलालाबाद जैसे शहरों समेत 34 में से 25 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा जमा लिया है।

अफगान के बिगड़ते हालात को देखते हुए स्थिति पर चर्चा के लिए सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भारत की अध्यक्षता में बैठक बुलाई है। भारत की अध्यक्षता में अफगानिस्तान को लेकर परिषद की यह दूसरी बैठक है। एस्टोनिया और नॉर्वे ने इस आपात बैठक को बुलाए जाने का प्रस्ता दिया था। यह बैठक स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे बुलाई गई है। बैठक में यूएन चीफ एंतोनियो गुतेरस परिषद को स्थिति से अवगत कराएंगे।

तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान छोड़कर भागने वाले राष्ट्रपति अशरफ गनी देर रात फेसबुक पर पोस्ट अपने देश छोड़ने की वजह बताई। उन्होंने लिखा है कि वह इसलिए अफगानिस्तान से भागे ताकि लोगों को ज्यादा खून-खराबा न देखना पड़े। गौरतलब है कि तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। समाचार एजेंसी एएफपी ने तीन वरिष्ठ तालिबान सूत्रों के हवाले से बताया कि लड़ाकों ने प्रेसीडेंशियल पैलेस पर कब्जा कर लिया है। वो यहां पर काबुल की सुरक्षा के लिए मीटिंग कर रहे हैं। गनी ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि अगर वह अफगानिस्तान में रुके होते तो बड़ी संख्या में लोग देश के लिए लड़ने आते। ऐसे में वहां असंख्य लोगों की जान जाती। साथ ही काबुल शहर पूरी तरह से बर्बाद हो जाता।

उन्होंने लिखा कि अब तालिबान जीत चुका है। अब वह अफगान लोगों के सम्मान, संपत्ति और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। अशरफ गनी ने लिखा है कि तालिबान एक ऐतिहासिक टेस्ट का सामना कर रहा है। अब या तो वो अफगानिस्तान के नाम और सम्मान को बचाएंगे। या फिर अन्य जगहों और नेटवर्क को वरीयता देंगे।