रुड़की :आईआईटी रुड़की के पूर्व कर्मचारी को संस्थान के करीब एक करोड़ रुपये के गबन के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी अपने परिवार के साथ गोरखपुर भागने की फिराक में था। उसे किराए के मकान से गिरफ्तार कर लिया गया। सिविल लाइंस कोतवाली में डीआईजी, एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने पत्रकार वार्ता में बताया कि आईआईटी के प्रशांत गर्ग ने 11 दिसंबर 2020 को तहरीर देकर बताया था कि सीनियर असिस्टेंट क्लर्क ने अपने 13 निजी खातों में करीब 1. 05 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं।
आईआईटी ने जांच कमेटी का गठन किया गया था। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में गबन की पुष्टि की थी। लिखित जवाब में भी धीरज कुमार उपाध्याय ने अपने ऊपर लगे आरोपों को कबूल किया था। 19 अक्तूबर 2020 को धीरज कुमार उपाध्याय की सेवा समाप्त कर दी गई थी। कोतवाली पुलिस ने धीरज कुमार उपाध्याय के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया था। जांच उप निरीक्षक नरेंद्र सिंह को सौंपी गई थी। पुलिस को सूचना मिली की धीरज कुमार उपाध्याय फिलहाल किराये के मकान में बंघेड़ी महावतपुर में रह रहा है।
परिवार के साथ गोरखपुर भागने की फिराक में है। इसके बाद पुलिस टीम ने दबिश देकर आरोपी धीरज कुमार उपाध्याय पुत्र राजेश्वर उपाध्याय निवासी पटेरहा थाना पडरौना जिला कुशीनगर उत्तर प्रदेश हाल बंघेड़ी महावतपुर को गिरफ्तार किया है। पुलिस टीम में इंस्पेक्टर अमर चंद शर्मा, एसआई नरेंद्र सिंह, कांस्टेबल विनोद चपराना, रघुवीर सिंह और अरविंद शामिल रहे।
एसएसपी ने बताया कि पूर्व सीनियर असिस्टेंट क्लर्क धीरज कुमार उपाध्याय के बैंक खाते में फिलहाल 20 लाख रुपये जमा हैं। जिनको होल्ड करवाया गया है। ताकि उक्त रकम की निकासी न हो पाए। आरोपी 11 दिसंबर 2020 से वांछित चल रहा था।